देश के पहले भाजपा उम्मीदवार थे नसीबपुर के राव मुरलीधर पटवारी
असीम यादव/हमारे प्रतिनिधि
नारनौल, 27 अगस्त
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गठन 6 अप्रैल, 1980 में हुआ। गठन के बाद पहला आमचुनाव 1984 में भाजपा ने लड़ा और महज दो सीटों पर ही कामयाबी मिली थी। दोनों सीटें भाजपा के बड़े नेता भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी या लाल कृष्ण आडवानी नहीं बल्कि मेहसाणा (गुजरात) से एके पटेल व हनामकोंडा (आंध्र प्रदेश) से चंदूपाटिया रेड्डी ने कमल के फूल चुनाव चिह्न पर जीत दर्ज की थी। शायद, बहुत कम ही लोगों को पता है कि इस आम चुनाव से पहले हरियाणा उपचुनाव भी
हुए थे।
यह उपचुनाव भाजपा गठन के तुरंत बाद 1980 में हुआ। हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिला में अटेली हलका में हुए इस उपचुनाव में भाजपा गठन के बाद पहले प्रत्याशी राव मुरलीधर पटवारी थे। ऐसे में देशभर में भाजपा के पहले प्रत्याशी का रिकार्ड राव मुरलीधर पटवारी के नाम दर्ज है। उस समय प्रदेश में कांग्रेस दबदबा था। चुनाव में मुरलीधर पटवारी कांग्रेस प्रत्याशी राव बंशी सिंह से हार गए थे।
नवगठित भारतीय जनता पार्टी के पहले बॉम्बे (मुंबई) अधिवेशन के तुरंत बाद हरियाणा की अटेली विधानसभा के लिए उपचुनाव की घोषणा हुई थी। पूर्व मुख्यमंत्री राव बिरेंद्र सिंह अटेली से विधायक थे, लेकिन 1980 में उनके लोकसभा चुनाव जीतने पर यह सीट खाली हो गई थी। इस तरह अटेली से चुनाव लड़कर मुरलीधर पटवारी भाजपा के पहले प्रत्याशी बने थे। चुनाव लड़ने के लिए अपनी राजस्व विभाग की नौकरी से इस्तीफा दिया था। यह वह दौर था जब हलका में भाजपा कहीं नहीं थी।
भाजपा पार्टी के बारे में क्षेत्र के अधिकांश लोग जानते तक नहीं थे। अहीर बाहुल्य अटेली विधानसभा उपचुनाव में काफी जद्दोजहद के बाद भाजपा ने राव मुरलीधर पटवारी का चयन किया। उन्होंने भाजपा के पहले उम्मीदवार के तौर पर 25 मई 1980 को हुए उपचुनाव में अटेली विधानसभा क्षेत्र से पार्टी का प्रतिनिधित्व किया। भाजपा के चुनाव चिह्न कमल पर वह चुनावी मैदान में उतरे थे, वह बात अलग है कि कांग्रेस प्रत्याशी राव बंशीसिंह ने उन्हें बड़े अंतर से हरा दिया। चुनाव में पटवारी को 2353 वोट ही मिले थे। इस हार के बावजूद राव मुरलीधर ने चुनावी राजनीति में भाजपा का चिह्न चुनाव आयोग के खाते में दर्ज करवाया। मुरलीधर अंत समय तक भाजपा से ही जुड़े रहे। नारनौल शहर के साथ सटे नसीबपुर गांव में वह रहते थे। उनका 90 वर्ष की उम्र में 19 जुलाई 2017 में निधन हो गया।
सरकारी नौकरी छोड़ लड़ा चुनाव
मुरलीधर पटवारी भाजपा प्रत्याशी बनने से पहले राजस्व विभाग में कार्यरत थे। टिकट मिलने के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ा था। मुरलीधर पटवारी भाजपा के चुनाव चिह्न पर वह चुनावी मैदान में उतरे थे। हालांकि उन्हें चुनाव में हार झेलनी पड़ी थी, लेकिन पहला प्रत्याशी बनने का रिकॉर्ड उनके नाम हो गया। उनके पांच बेटे शिव कुमार, रविंद्र, ओमप्रकाश, ललित व रामचंद्र है। चार बेटी कमला, ओमवती, बाला व सुमन है।