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रामबिलास : पार्टी प्रत्याशी बन पर्चा भरा, मगर टिकट कटा

08:05 AM Sep 12, 2024 IST
नामांकन दाखिल करते रामबिलास शर्मा। - दैनिक ट्रिब्यून

दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 11 सितंबर
हरियाणा भाजपा की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। 1977 से लगातार महेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते आ रहे पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा को भाजपा ने इस बार बेटिकट कर दिया है। पिछले सप्ताहभर से महेंद्रगढ़ की राजनीति गरमाई हुई थी। बुधवार को रामबिलास शर्मा ने अपने समर्थकों के साथ विचार-विमर्श के बाद भाजपा प्रत्याशी के तौर पर महेंद्रगढ़ सीट से नामांकन पत्र दाखिल कर दिया था। लेकिन, पार्टी ने देर रात जारी अपनी अंतिम सूची में उनका टिकट काटकर पहली बार ब्राह्मण की जगह अहीर कार्ड खेलते हुए कंवर सिंह यादव को प्रत्याशी घोषित कर दिया।
अब रामबिलास के पास दो विकल्प बचे हैं। पहला- वे चुनाव लड़ने के बजाय शांत बैठ जाएं, दूसरा- निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़ें। अगर वे दूसरा विकल्प चुनते हैं तो उन्हें दस प्रस्तावकों के साथ बृहस्पतिवार को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नये सिरे से नामांकन पत्र दाखिल करना होगा।दिल्ली से जुड़े सूत्रों का कहना है कि रामबिलास की नाराजगी को भांपते हुए केंद्रीय नेतृत्व की ओर से उनके साथ बातचीत भी की गई। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मबीर सिंह रामबिलास शर्मा से मुलाकात करने उनके घर पहुंचे।
रामबिलास शर्मा राज्य में पार्टी के सबसे पुराने चेहरों में शामिल हैं। संघ में उन्होंने बरसों तक काम किया। 2014 का लोकसभा और विधानसभा चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा गया, तब रामबिलास शर्मा मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे थे।
सिरसा से रोहतास जांगड़ा लड़ेंगे : पिछले कई दिनों से भाजपा की हलोपा के सिरसा विधायक गोपाल कांडा के साथ बातचीत चल रही थी। गठबंधन की बातचीत आखिरी समय तक भी सिरे नहीं चढ़ी। भाजपा अपने सिम्बल पर गोपाल कांडा के भाई गोबिंद कांडा को सिरसा से चुनाव लड़वाना चाहती थी, लेकिन गोपाल इसके लिए राजी नहीं हुए। बुधवार को भाजपा ने सिरसा से रोहतास जांगड़ा को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। इससे साफ हो गया है कि गोपाल कांडा हलोपा टिकट पर ही सिरसा से चुनाव लड़ेंगे।

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बेटे को टिकट नहीं दिला पाए गुर्जर

केंद्रीय मंत्री और फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर अपने बेटे देवेंद्र चौधरी को टिकट नहीं दिलवा सके। वे फरीदाबाद एनआईटी से बेटे के लिए टिकट की लॉबिंग कर रहे थे। उनके चलते ही एनआईटी की सीट होल्ड थी। पार्टी ने उनकी मांग को दरकिनार करते हुए सतीश फागना को एनआईटी से उम्मीदवार बनाया है। गुर्जर बिरादरी से जुड़े फागना को टिकट केपी गुर्जर की सिफारिश पर ही मिली है। फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र में गुर्जर के कहने से चार टिकट मिले हैं, लेकिन इनमें उनका बेटा शामिल नहीं है।

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