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रुश्दी की किताब पर राजीव सरकार का प्रतिबंध उचित था : नटवर सिंह

08:38 PM Aug 13, 2022 IST
रुश्दी की किताब पर राजीव सरकार का प्रतिबंध उचित था   नटवर सिंह
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नयी दिल्ली, 13 अगस्त (एजेंसी) पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार में मंत्री रहे नटवर सिंह ने प्रख्यात लेखक सलमान रुश्दी की विवादित किताब ‘सैटेनिक वर्सेज’ को प्रतिबंधित करने के तत्कालीन सरकार के फैसले का शनिवार को बचाव किया और कहा कि यह फैसला पूरी तरह से कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए लिया गया था। न्यूयॉर्क में शुक्रवार को रुश्दी पर हमला हुआ, जिसके बाद उनकी पुस्तक एक बार फिर चर्चा में आ गई है। वर्ष 1988 में किताब पर रोक लगाई गई थी, तब सिंह विदेश राज्यमंत्री थे।

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सिंह ने कहा कि वह पुस्तक को प्रतिबंधित करने संबंधी फैसले में शामिल थे और उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री से कहा था कि यह किताब कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है, क्योंकि लोग आक्रोशित हैं। सिंह (91) ने आलोचकों के उन आरोपों को ‘बकवास’ करार दिया, जिनमें कहा गया कि राजीव गांधी सरकार ने किताब को प्रतिबंधित करने का फैसला मुस्लिम तुष्टिकरण के चलते लिया था। उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं मानता कि यह (किताब को प्रतिबंधित करने का फैसला) गलत था, क्योंकि इससे कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हुई थी, खासतौर पर कश्मीर में। भारत के अन्य हिस्सों में अशांति पैदा हुई थी।’

सिंह ने कहा, ‘राजीव गांधी ने मुझसे पूछा कि क्या किया जाना चाहिए। मैंने कहा कि मैंने पूरी जिंदगी किताबों पर रोक का पुरजोर तरीके से विरोध किया, लेकिन जब कानून व्यवस्था की समस्या आए तो भले रुश्दी जैसे महान लेखक की किताब हो, प्रतिबंधित की जानी चाहिए।’

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उन्होंने जोर दिया कि रुश्दी की किताब ‘मिडनाइट चिल्ड्रेन’ 20वीं सदी के महान उपन्यासों में से एक है, लेकिन ‘सैटेनिक वर्सेज’ को प्रतिबंधित करने का फैसला पूरी तरह से कानून-व्यवस्था के कारण था।

उल्लेखनीय है कि ‘सैटेनिक वर्सेज’ किताब के प्रकाशित होने के बाद भारी विवाद हुआ और कई मुस्लिम इसे ईशनिंदा के तौर पर देखते हैं। ईरानी नेता अयातुल्लाह खामनेई ने रुश्दी के खिलाफ फतवा जारी किया था। सिंह ने कहा कि वह रुश्दी पर हमले से ‘व्यथित’ हैं। सिंह ने कहा, ‘वह 75 साल के व्यक्ति हैं, जो किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते और साहित्य में योगदान दे रहे हैं। कोई दुष्ट आता है और उन्हें करीब-करीब मार देता है, वह भी तब जब वह न्यूयॉर्क में भाषण दे रहे थे।’

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