राज भवन ने लौटाया सुक्खू सरकार का विधायकों की पेंशन से संबंधित विधेयक
शिमला, 8 जनवरी(हप्र)
हिमाचल राजभवन ने अयोग्य करार दिए गए विधायकों की पेंशन संबंधी विधेयक पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। विधानसभा के मानसून सत्र में पारित इस विधेयक को मंजूरी देने से पहले राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कुछेक बिंदुओं पर सरकार से स्थिति साफ करने को कहा है। विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद इसे अमलीजामा पहनाया जाएगा। जानकारी के अनुसार राजभवन से स्पष्टीकरण बारे भेजा गया विधेयक सरकार को मिल चुका है। सरकार की तरफ से इसका जवाब तैयार कर राज्यपाल को जल्द भेजा जाएगा। संशोधन विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद 2 पूर्व विधायकों गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो की पेंशन बंद हो जाएगी। इसके अलावा कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए मौजूदा विधायक सुधीर शर्मा व इंद्र दत्त लखनपाल के अलावा दो पूर्व विधायकों राजेंद्र राणा व रवि ठाकुर की एक-एक टर्म की पेंशन रुकेगी। संशोधन विधेयक के अनुसार जिन्हें संविधान के शैड्यूल-10 के हिसाब से अयोग्य घोषित किया गया है उनसे 14वीं विधानसभा के कार्यकाल की पेंशन व भत्तों की रिकवरी भी की जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा के बजट सत्र के दौरान वित्त विधेयक को पास करने के दौरान सत्ता पक्ष के 6 सदस्य सदन से अनुपस्थित थे जिस कारण उनको पार्टी व्हिप उल्लंघन का दोषी पाया गया। इस आधार पर विधानसभा अध्यक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री के प्रस्ताव पर 6 सदस्यों के खिलाफ सदस्यता से अयोग्य घोषित किए जाने का निर्णय सुनाया था। इन्होंने पहले कांग्रेस टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता तथा बाद में भाजपा ने उपचुनाव में इनको अपना प्रत्याशी बनाया। इसमें से भाजपा टिकट पर सुधीर शर्मा और इंद्रदत्त लखनपाल ही उपचुनाव जीत पाए।
विधायक को 93000 पेंशन
हिमाचल में एक बार विधायक रहे नेताओं को 93 हजार रुपए पेंशन मिलती है। इसके बाद हर साल में एक-एक हजार रुपए पेंशन में जुड़ता है। अर्थात दूसरी बार 5 साल विधायक रहने पर 5 हजार का इजाफा होगा। तीन बार विधायक रहने पर 93 हजार में 10 हजार जुड़ेगा।