झज्जर में 2 महीने से खेतों में भरा है बारिश का पानी
झज्जर, 20 नवंबर (हप्र)
जलभराव के कारण बाजरा और कपास की फसल बर्बाद होने के बाद झज्जर के गोरिया गांव के कई किसान गेहूं की फसल की बुआई को लेकर आशंकित हैं, क्योंकि उनके खेतों से बारिश का पानी नहीं निकाला जा सका है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही उनके खेतों से पानी नहीं निकाला गया तो उन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ेगी। गोरिया ग्राम पंचायत ने बुधवार को जिला अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष गिरदावरी कराकर फसल के नुकसान के लिए पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि सितंबर में मूसलाधार बारिश से गांव की 300 एकड़ से अधिक कृषि भूमि जलमग्न हो गई थी। उस समय बाजरा और कपास की फसलें लहलहा रही थीं, लेकिन जलभराव के कारण पूरी तरह से बर्बाद हो गई।
गांव के सरपंच अजीत सिंह ने कहा कि अधिकांश किसानों के पास बीमा कवर नहीं है, इसलिए हम नुकसान की भरपाई के लिए विशेष गिरदावरी की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी एक हिस्सा पानी में डूबा हुआ है, जिससे किसान मुश्किल में हैं, क्योंकि मौजूदा स्थिति में वे गेहूं की फसल नहीं बो पा रहे हैं। डिप्टी कमिश्नर प्रदीप दहिया ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों को जल्द खेतों से पानी निकालने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि हम मुआवजे के लिए राज्य के अधिकारियों को लिखेंगे।