Rain आसमान से बरसा ‘सोना’, जनजीवन प्रभावित
जींद/नारनौल, 23 दिसंबर(हप्र)
सोमवार को जींद और आसपास के क्षेत्र में हल्की बारिश और बूंदाबांदी के साथ शीत लहर चली। बूंदाबांदी और शीत लहर से जहां जन-जीवन प्रभावित हुआ, वही बूंदाबांदी और हल्की बारिश को किसानों के लिए आसमान से सोना बरसना माना जा रहा है। जींद और आसपास के क्षेत्र में रविवार रात से ही मौसम बदलने लगा था। देर रात से लेकर सोमवार शाम तक कहीं हल्की तो कहीं मध्यम बारिश और बूंदाबांदी का सिलसिला जारी रहा। हल्की और मध्यम बारिश को खेतों में खड़ी गेहूं, सरसों, चना जैसी खरीफ की फसलों के साथ-साथ सब्जी की फसलों के लिए भी फायदेमंद माना जा रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र के पूर्व प्रभारी डॉ. यशपाल मलिक के अनुसार इस समय गेहूं और सरसों की फसल को बारिश की सख्त जरूरत है। यह बारिश किसानों के लिए आसमान से सोना बरसने के बराबर है। इससे गेहूं में फुटाव तेजी से होगा और पैदावार बढ़ेगी।
वहीं नारनौल क्षेत्र में हल्की बूंदाबांदी से किसानों के चेहरे खिल उठे। इससे फसलों में ओस तथा कोहरे की संभावना से भी राहत प्रदान की है। मौसम विशेषज्ञ प्रोफेसर डा. चंद्र मोहन ने बताया कि भारतीय मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी कर दिया है।
किसानों को लंबे समय से था बरसात का इंतजार
भिवानी (हप्र) : क्षेत्र में आज सुबह हल्की बारिश किसानों के लिए वरदान साबित होगी। पश्चिम विक्षोभ के प्रभाव से अब 25 दिसंबर के बाद भी बरसात की संभवानाएं कृषि वैज्ञानिक बता रहे हैं। इस बरसात से इन दिनों बोई जा चुकी रबी की मुख्य फसलें गेहूं, सरसों, चना व अन्य बागवानी की फसलों को सीधा लाभ पहुंचेगा तथा फसलों की ग्रोथ तेजी से होगी। किसानों ने इस मौसम की इस पहली बरसात पर खुशी जाहिर करते हुए इस बरसात को अत्यंत लाभकारी बताया है। भिवानी के कृषि उप निदेशक विनोद फौगाट ने बताया कि यह बरसात बड़े क्षेत्र में हुई है। इस बरसात से सरसों, गेहूं की फसलों को अब सिंचाई की जरूरत नहीं रहेगी। इससे किसानों का डीजल व सिंचाई में होने वाली मेहनत बची है। उन्होंने बताया कि इस बरसात के बाद अब आने वाले दिनों में जहां ठंड व धुंध में बढ़ोतरी होगी।
अब कोहरा बढ़ायेगा परेशानी
सोनीपत (हप्र) : पश्चिमी विक्षोभ के चलते जिले में ज्यादातर स्थानों पर बूंदाबांदी हुई। दिनभर आसमान में बादल छाए रहे। अब 26 दिसंबर को फिर से नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार बूंदाबांदी के बाद वातावरण में नमी अधिक बढ़ गई है। वहीं हवाओं की गति भी अधिक नहीं रही। ऐसे में अब जिलावासियों को कोहरे का सामना करना पड़ सकता है। पश्चिमी विक्षोभ का असर समाप्त होते ही ठंड और ज्यादा हो जाएगी।
फसलों को होगा फायदा
कनीना (निस) : सोमवार सुबह कनीना क्षेत्र में हुई बूंदाबांदी से रबी फसल में मावठ’ लग गई है, जिससे फसलों को फायदा हुआ है। माना जा रहा है कि तीन माह बाद क्षेत्र में बूंदाबांदी हुई है। इसके साथ ही शीतलहर चलने से ठंड बढ़ गई है। इससे सामान्य जनजीवन प्रभावित होने लगा है। सोमवार को दिनभर बादलवाई होने से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। बूंदाबांदी के बाद सप्ताहभर तक धुंध व कोहरा छाने की संभावना बन गई है। फिलहाल सरसों, गेहूं, जौ, चना, मटर, गाजर की फसल को फायदा हुआ है।