मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

रेवड़ियों से मुक्त बजट

07:18 AM Feb 02, 2024 IST

आत्मनिर्भरता के भरोसे से बढ़े कदम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश दूसरे कार्यकाल के अंतिम बजट को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि आम चुनाव से पहले इसमें तमाम लोकलुभावनी घोषणाएं की जा सकती हैं। लेकिन इस अंतरिम बजट में ऐसा कुछ नजर नहीं आया। बहरहाल, वित्त मंत्री ने अपने अब तक के सबसे छोटे भाषण में मोदी सरकार की पिछले दस सालों की उपलब्धियों का भरपूर बखान किया। साथ ही सरकार के विकसित भारत के संकल्प को बार-बार दोहराया। नौकरी-पेशे वाले करदाता आयकर में छूट की उम्मीद लगाए बैठे थे कि शायद इनकम टैक्स स्लैब में चुनावी साल में कोई बदलाव हो। लेकिन गुजरात से लेकर दिल्ली तक की यात्रा में प्रधानमंत्री मुफ्त की संस्कृति से परहेज करते रहे हैं। इस बजट का एक संकेत यह भी माना जा सकता है कि भाजपा भविष्य के राजनीतिक रुझान को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है, तभी किसी लोकलुभावनी घोषणा से परहेज किया है। बहरहाल, बजट में स्टार्टअप के लिये छूट जरूर एक साल के लिये बढ़ाई गई है। एक करोड़ महिला लखपति दीदी बनाने के बाद तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया। वित्तमंत्री ने अमृतकाल में सरकार के रिफॉर्म, परफॉर्म तथा ट्रांसफॉर्म की नीति पर चलने की बात कही। सौर प्रणाली के जरिये एक करोड़ लोगों को तीन सौ यूनिट बिजली मुफ्त देने की भी बात कही। वहीं अधिक मेडिकल कॉलेज बनाने और वर्तमान अस्पतालों के इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रयोग करने की भी बात कही गई। साथ ही सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिये टीकाकरण अभियान चलाने की भी बात कही। वहीं दूसरी ओर आशा वर्कर्स और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अब आयुष्मान भारत योजना का लाभ देने की बात भी सरकार ने कही है। इसके साथ रेलवे के तीन हाई ट्रैफिक कॉरिडोर बनाने की घोषणा भी सरकार ने की। जिससे रेलों की स्पीड और सुरक्षा बढ़ेगी। साथ ही वंदे भारत श्रेणी की चालीस हजार बोगियां बनाने का जिक्र वित्तमंत्री ने किया। वित्तमंत्री ने पिछले दस साल में एयरपोर्टों की संख्या दुगनी होकर 149 होने की बात कही।
अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री ने काफी समय तक राजग सरकार की दस वर्षों की उपलब्धियों के लिये सरकार की पीठ थपथपायी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किये गए संरचनात्मक सुधार से भारतीय अर्थव्यवस्था में व्यापक बदलाव आये हैं। जीएसटी का संग्रह इस साल बढ़कर 1.66 लाख करोड़ रुपये हुआ है। डायरेक्ट टैक्स तीन गुना बढ़ा है। आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या 2.4 गुना बढ़ी है। जो 2047 तक विकसित भारत के संकल्प की दिशा में प्रगति है। वित्तमंत्री ने मोदी सरकार के दौरान अपने छठे बजट को पेश करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब पूरी दुनिया की आर्थिक वृद्धि दो प्रतिशत के आसपास बनी हुई है, भारत इस साल भी सात प्रतिशत की विकास दर को बनाये रखेगा। बजट का एक निष्कर्ष यह भी है कि सरकार का ध्यान राजकोषीय घाटा कम करने पर है। जिसे घटाकर 5.8 किया गया है। जिसे अगले वित्त वर्ष में 5.1 करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं दूसरी ओर बजट से संकेत मिलता है कि सरकार देश की टूरिज्म इंडस्ट्री को बढ़ावा देना चाहती है। इस बजट में उसका बजट दो फीसदी बढ़ाया गया है। मालदीव विवाद के बीच लक्षद्वीप के लिये नई घोषणाएं की गई हैं। सीतारमण ने लक्षद्वीप समेत सभी द्वीपों में आधारभूत ढांचे और पोर्ट कनेक्टिविटी के प्रोजेक्ट शुरू करने की बात कही। साथ ही राज्यों के पर्यटन स्थलों को वैश्विक स्तर के बनाने के प्रयासों में केंद्र सरकार की मदद का आश्वासन दिया। इसके लिये लंबी समयावधि के लिये ब्याजमुक्त कर्ज देने की भी बात कही गई। हालिया विवाद के बाद केंद्र सरकार ने अंतरिम बजट में मालदीव को दी जाने वाली सहायता को पिछले साल के मुकाबले बाइस फीसदी कम कर दिया है। दरअसल, सरकार घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये बंदरगाहों को जोड़ने वाली परियोजनाओं, पर्यटन इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देना चाहती है। साथ ही इस क्षेत्र में रोजगार को भी बढ़ावा देना चाहती है।

Advertisement

Advertisement