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हार-जीत के सवाल, बचे पटाखे करें बेहाल

09:43 AM Nov 22, 2023 IST

राजशेखर चौबे

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दो-चार टेस्ट खेलने वाले कमेंटेटर चार सौ से ऊपर अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाले खिलाड़ी को बताते हैं कि उन्हें कैसे खेलना चाहिए। गिल्ली-डंडा और भौंरा (लट्टू) खेलने वाले बताते हैं कि विराट को फ्रंट फुट पर और श्रेयस को बैक फुट पर खेलना चाहिए था। अपने ही घर के बारहवें खिलाड़ी पत्नी के पतिदेव शर्मा जी भी रोहित की कप्तानी पर सवाल उठाते हैं। दिवाली के पहले पटाखे की दुकान में शर्मा जी से मुलाकात हो गई। वे व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट हैं, काफी उत्साहित दिखे। उन्होंने लगभग 5000 रुपये के पटाखे खरीदे, पूछने पर बताया कि मैं प्रत्येक वर्ष ढाई हजार रुपये के पटाखे दिवाली पर खरीदता हूं। दिवाली के बाद 19 नवंबर, 2023 को भारत क्रिकेट वन डे के विश्वकप में तीसरी बार विश्व विजेता बनेगा। उस दिन दूसरी दिवाली मनेगी।
वहां महंगाई, बेरोजगारी से परेशान और प्रसन्न दोनों टाइप के लोग थे, जिनकी राय प्रत्येक मुद्दे पर अलग-अलग होती है, एकमत दिखे। किसी को भी इस बात का शक नहीं था कि हम फाइनल हार भी सकते हैं। सबने दुगने पटाखे खरीदे।
हम सभी एक ही सोसायटी के बाशिंदे हैं, लिहाजा विश्वकप क्रिकेट फाइनल हारने के बाद उसी रात मिले। आज तलक हमारे बुरे दिन कायम थे। हम सभी उदास थे इंडिया की हार के अलावा हमें एक और दुख था। इन बचे पटाखों का हम क्या करेंगे? इंडिया की हार पर चर्चा होने लगी। इस हार पर आपकी क्या राय है?
दूसरा शख्स : 2003 और 2023 की हार का बदला हम 2047 में जरूर लेंगे।
पहला शख्स : ऐसा क्यों?
दूसरा शख्स : क्योंकि हम दूर की सोचते हैं और दूर की कौड़ी कौड़ियों के मोल लाते हैं।
तीसरा शख्स : जय ने इतनी मेहनत की फिर भी हम हार गए।
सभी लोग : कौन जय?
तीसरा शख्स : अरे अपनी सोसायटी का सचिव। उसने शहरभर के मंदिरों में जाकर मन्नत मांगी थी।
दूसरा शख्स : मैं कुछ और समझ रहा था।
चौथा शख्स जो अपने घर के भी कैप्टन नहीं हैं, रोहित की कप्तानी की आलोचना करने लगे— रोहित को वैसा शॉट नहीं लेना था और टिककर खेलना था, साथ ही सूर्यकुमार को पहले भेजना था।
पहले शख्स की दखलंदाजी भी जरूरी थी। पहला शख्स : सूर्यकुमार को तीस ओवर बाद यह बोलकर भेजना था- बेटा आपको 20-20 ही खेलना है।
दूसरा शख्स : इस हेड ने भारतीयों के हेड में सिर दर्द कर दिया है। इसे आउट करने के लिए जडेजा को राउंड द विकेट बॉलिंग करनी थी।
पहला शख्स : अब इन पटाखों का हम क्या करें।
तीसरा शख्स  : हम अपने पटाखे कुंवारों के सबसे बड़े त्योहार यानी देवउठनी एकादशी के दिन फोड़ेंगे। आपने भी अपना प्लान बी बना रखा होगा।
चौथा शख्स : हम अपने पटाखे 22 जनवरी, 2024 को फोड़ेंगे।
सभी लोग : वाह वाह। क्या बात है। हम भी ऐसा ही करेंगे। साहब लीक से हटकर चलने वालों में हैं।

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