क्वांटम फोटोनिक्स, भविष्य की तकनीक में क्रांति का आगाज
हिसार, 9 नवंबर (हप्र)
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार (गुजविप्रौवि) में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘इमर्जिंग मेटीरियल्स एंड क्वांटम फोटोनिक्स’ (आईसीईएमक्यूपी-2024) का समापन हो गया। यह सम्मेलन विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग द्वारा आयोजित किया गया था। समापन समारोह में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर प्रो. देवेन्द्र मोहन, प्रो. सुजाता सांघी, प्रो. आशीष अग्रवाल और डा. हरदेव सिंह भी उपस्थित थे।
समारोह में कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने कहा कि इमर्जिंग मेटीरियल्स और क्वांटम फोटोनिक्स के क्षेत्र में शोध और रोजगार के विशाल अवसर हैं। ये तकनीकें तेजी से विकसित हो रही हैं और जीवन के हर पहलू को प्रभावित कर रही हैं। यह सम्मेलन प्रतिभागियों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित होगा। उन्होंने सम्मेलन के आयोजन की सराहना की और इसे ज्ञानवर्धक बताया।
सम्मेलन में 15 तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया, जिनमें विभिन्न विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। इनमें सिचवान यूनिवर्सिटी, चीन के प्रो. एफ. बोई ने ‘लो डाइमेंशनल कार्बन सिस्टम्स’ पर, जेएनयू नई दिल्ली के प्रो. पी.के. कुलरिया ने “पायरक्लोर सिरामिक्स में फेस ट्रांसफॉर्मेशन” पर, और एमिटी विश्वविद्यालय नोएडा के प्रो. ओ.पी. सिन्हा ने ‘नेक्स्ट जेनरेशन ऑप्टोइलेक्ट्रोनिक्स एंड फोटोनिक्स डिवाइसिज’ पर व्याख्यान दिया।
इसके अलावा, गुरु नानकदेव विश्वविद्यालय अमृतसर के प्रो. अमन महाजन ने ‘सेल्फ पॉवर्ड वीयरेबल गेस सेंसर्स’ पर चर्चा की। सम्मेलन के दौरान प्रतिभागियों ने मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियां भी दीं।