एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित, डीएपी का प्रबंध करने की मांग
फतेहाबाद, 15 अक्तूबर (हप्र)
भट्टू मंडी में धान की सरकारी खरीद सुचारु रूप से शुरू न होने, मूंगफली की फसल की एमएसपी पर खरीद और डीएपी खाद की कमी से किसानों में काफी निराशा है। भट्टू मार्केट कमेटी सचिव को ज्ञापन सौंपने के बावजूद किसानों की इन समस्याओं को गंभीरता से न लेने से किसान खफा हैं।
भट्टू क्षेत्र के किसान मंगलवार को अखिल भारतीय किसान सभा के जिला प्रधान कामरेड विष्णुदत्त शर्मा के नेतृत्व में डीसी मनदीप कौर से मिलने फतेहाबाद पहुंचे। उन्होंने डीसी के नाम ज्ञापन सौंपकर इन समस्याओं का जल्द समाधान करने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल में रोहताश डूडी, सुभाष चन्द्र भादू, सुभाष चन्द्र सिद्धू, ओमप्रकाश, विजय सिंह, केहर सिंह, किशोरी लाल, मनीराम आदि किसान मौजूद रहे। डीसी ने धान की खरीद आज से ही खरीद शुरू करवाने का आश्वासन दिया।
डीसी से मिलने पहुंचे किसानों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा 27 सितंबर से प्रदेश में धान की सरकारी खरीद शुरू करने की घोषणा की गई है। जिले में खासकर भट्टूकलां क्षेत्र में किसान सेम, लगातार जल भराव और फसलों में बीमारियों की वजह से पहले ही घाटे में चल रहे हैं और कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं।
अब जब किसानों की धान और मूंगफली की फसल तैयार है तो उसे बेचने के लिए किसानों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं।
भट्टू मंडी में धान की सुचारु सरकारी खरीद न होने से किसानों की फसल लुट रही है, वहीं मूंगफली उत्पादक किसानों को भी पूरा रेट नहीं मिल रहा है। इस कारण किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़
रहा है। किसानों ने मांग की है कि धान की फसल को तुरंत एमएसपी पर खरीदा जाए। मूंगफली की पैदावार बाजार में औने-पोने दामों पर खरीदी जा रही है जिस पर तुरंत रोक लगे
और एमएसपी पर मूंगफली की खरीद सुनिश्चित की जाए। नरमा-कपास फसल को भी एमएसपी पर बिना किसी शर्त के खरीदा जाए।
खाद की कमी से किसान परेशान
भट्टू क्षेत्र में डीएपी न मिलने से किसान परेशान हैं। खाद के साथ उन्हें जबरदस्ती नैनो यूरिया थोपी जा रही है। किसान सभा ने मांग की कि जिले में पर्याप्त मात्रा में डीएपी का प्रबंध किया जाए और किसानों को सभी सोसायटियों के माध्यम से डीएपी खाद वितरित की जाए। इसके अलावा खाद के बाद जबरदस्ती नैनो देने पर भी रोक लगे। किसान सभा ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही जिला प्रशासन ने उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया तो किसान सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे।