पंजाब के कर्मचारी, पेंशनर 2 को अम्बाला में करेंगे भगवंत सरकार के खिलाफ रैली
अम्बाला शहर, 28 सितंबर (हप्र)
पंजाब कर्मचारी एवं पेंशनर्स संयुक्त मोर्चा पंजाब की भगवंत मान सरकार के रवैये के खिलाफ 2 अक्तूूबर को अम्बाला शहर में रैली और झंडा मार्च का आयोजन करेगा। मोर्चा के नेताओं की मानें तो आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी से जुड़े कई नेता रोजाना हरियाणा के अलग-अलग इलाकों में जाकर पंजाब में लाई गई क्रांति का ढोल पीट रहे हैं, जबकि वास्तविक स्थिति यह है कि भगवंत मान सरकार की कार्यशैली के कारण पंजाब में विभिन्न वर्गों के लोग दिनोंदिन संघर्ष तेज करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों से जो वादे किये थे, उन्हें पूरा करना तो दूर की बात, इनके संबंध में यूनियन नेताओं से बात तक करने को तैयार नहीं हैं।
पंजाब कर्मचारी एवं पेंशनर्स संयुक्त मोर्चा के प्रमुख नेता सतीश राणा, रणजीत सिंह रणवां, जर्मनजीत सिंह, सुखदेव सिंह सैनी, गगनदीप सिंह भुल्लर, बाज सिंह खैरा, रतन सिंह मजारी, भजन सिंह गिल, शविंदर पाल सिंह मोलोवाली, डाॅ. एनके कुलसी, करम सिंह धनोआ, गुरप्रीत सिंह गंडीविंड, राधे शाम, जगदीश सिंह चहल, जसवीर तलवाड़ा, बोबिंदर सिंह, दिग्विजय पाल शर्मा और करमजीत सिंह बिहला ने कहा है कि मोर्चा 2 अक्तूबर को अम्बाला शहर के रेलवे स्टेशन के पास विरोध रैली आयोजित करेगा। उसके बाद शहर में फ्लैग मार्च कर हरियाणा के सभी मतदाताओं, कर्मचारियों और पेंशनरों को जागरूक किया जाएगा ताकि कार्पोरेट घरानों की कठपुतलियों और इन झूठे नेताओं को हराया जा सके।
ये हैं आंदोलनरत कर्मियों, पेंशनरों की प्रमुख मांगें
कर्मचारियों और पेंशनरों द्वारा मांग की जा रही है कि 1 जनवरी 2004 के बाद भर्ती हुए सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए, सभी अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी किया जाए, अनुबंध और आउटसोर्स कर्मचारियों और स्कीम वर्करों की पेंशन में संशोधन के लिए 2.59 का गुणांक लागू किया जाएए 1 जनवरी 2016 से 30 जून 2021 तक का बकाया वेतन पुनरीक्षण दिया जाए, बकाया 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता तीन किश्तों में तुरंत दिया जाए आदि मांगों को स्वीकृत कर लागू किया जाए।