Punjab AG Garry Resigns पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह गैरी ने दिया इस्तीफा,
गुरतेज सिंह प्यासा/निस
संगरूर, 30 मार्च
Punjab AG Garry Resigns पंजाब के एडवोकेट जनरल (एजी) गुरमिंदर सिंह गैरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों के अनुसार, उनका कार्यकाल 31 मार्च तक था, और इसी कारण उन्होंने समय सीमा समाप्त होने से पहले अपना त्याग पत्र सरकार को सौंप दिया। अब मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस्तीफे को स्वीकार करने के बाद इसे राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया के पास भेजने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। संभावना जताई जा रही है कि मंगलवार तक नए एडवोकेट जनरल की घोषणा कर दी जाएगी।
लगातार इस्तीफों से घिरी सरकार
गौरतलब है कि गुरमिंदर सिंह गैरी से पहले अनमोल रतन और विनोद घई जैसे वरिष्ठ अधिवक्ता भी एडवोकेट जनरल के पद से इस्तीफा दे चुके हैं। बार-बार एडवोकेट जनरल बदलने की वजह से विपक्ष ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बार-बार हो रहे बदलावों से सरकार की कानूनी रणनीति और प्रशासनिक स्थिरता पर असर पड़ रहा है।
इस्तीफे के पीछे संभावित कारण
सूत्रों के अनुसार, एडवोकेट जनरल कार्यालय के आंतरिक मुद्दे और प्रशासनिक फैसलों में असहमति इस इस्तीफे की प्रमुख वजहें हो सकती हैं। बताया जा रहा है कि कानून अधिकारियों (लॉ ऑफिसर्स) के सेवा विस्तार को लेकर असहमति बनी हुई थी, जिससे कार्यालय में असंतोष का माहौल था। इसके अलावा, दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के कमजोर प्रदर्शन के बाद पंजाब में भी प्रशासनिक फेरबदल किए जा रहे हैं, जिसका असर एडवोकेट जनरल कार्यालय पर भी पड़ा है।
गुरमिंदर सिंह गैरी का कानूनी सफर
गुरमिंदर सिंह गैरी ने 1989 में पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की थी। 2014 में उन्हें सीनियर एडवोकेट का दर्जा मिला। वे चंडीगढ़, दिल्ली और शिमला सहित विभिन्न उच्च न्यायालयों में संवैधानिक, वाणिज्यिक, मध्यस्थता और आपराधिक मामलों के विशेषज्ञ के रूप में प्रैक्टिस कर चुके हैं। अक्टूबर 2023 में उन्हें एडवोकेट जनरल नियुक्त किया गया था।
नए एडवोकेट जनरल की तलाश शुरू
अब सरकार पर दबाव बढ़ गया है कि वह जल्द से जल्द नए एडवोकेट जनरल की नियुक्ति करे। कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य सरकार मंगलवार तक नए नाम की घोषणा कर सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार सरकार किसी स्थायी नाम को इस पद के लिए चुनती है या फिर बार-बार बदलाव का सिलसिला जारी रहेगा।