Punjab : पंजाब में एनएचएआई को अभी और चाहिए 103 किमी जमीन
नितिन जैन/ट्रिन्यू
लुधियाना, 2 जनवरी
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को पंजाब में 15 परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अभी और 103 किलोमीटर जमीन की जरूरत है। यही नहीं, दिल्ली-अमृतसर-कटरा (डीएके) एक्सप्रेसवे के तीन छोटे हिस्सों पर काम भी किसानों के विरोध के चलते रुका हुआ है, जबकि भूमि सौंपी जा चुकी है। एनएचएआई ने प्रशासन और पुलिस से इसके लिए मदद मांगी है।
जिन राजमार्गों के लिए जमीन मिल गयी है, वहां काम जोरों पर है। एनएचएआई पंजाब में 1,344 किलोमीटर की कुल लंबाई वाली 37 परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इनमें से अधिकांश भूमि की कमी और किसानों के विरोध के कारण लंबे समय से रुकी हुई हैं। इससे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने चेतावनी दी थी कि अगर राज्य सरकार भूमि उपलब्ध कराने में विफल रही तो वे बड़ी परियोजनाओं को या तो रद्द करना पड़ेगा या इन्हें वापस ले लिया जाएगा। इसके बाद, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, तत्कालीन मुख्य सचिव अनुराग वर्मा और पुलिस महानिदेशक गौरव यादव हरकत में आए और प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत करके और उन्हें उनकी जमीन के लिए बढ़ा हुआ मुआवजा देकर राज्य में एनएचएआई परियोजनाओं के लिए 94 प्रतिशत से अधिक अधिग्रहित भूमि उपलब्ध करायी। गौर हो कि ‘ट्रिब्यून’ ने इस संबंध में खबरें प्रकाशित की थीं।
उल्लेखनीय है कि गत 10 दिसंबर को, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को भी निर्देश दिया था कि वे दो महीने के भीतर एनएचएआई की सभी परियोजनाओं के लिए भूमि पर बिना किसी बाधा के कब्जा सुनिश्चित करें। इस बीच, एनएचएआई ने फिर संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखा है। बताया जाता है कि पत्र के बाद अधिकारियों ने इस दिशा में कदम तेज करने के निर्देश
दिए हैं।
इन प्रोजेक्ट्स के लिए चाहिए जमीन
डीएके, ब्यास-डेरा बाबा नानक, अमृतसर, अबोहर-फाजिल्का, अमृतसर बाईपास, मोगा-बाजाखाना, अमृतसर-बठिंडा, दक्षिणी लुधियाना बाईपास, जालंधर बाईपास, लुधियाना-बठिंडा, लुधियाना-रोपड़