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वीडियो काॅल पर बहन का चेहरा देख कैदियों ने बंधवाई राखियां

02:11 PM Aug 23, 2021 IST
वीडियो काॅल पर बहन का चेहरा देख कैदियों ने बंधवाई राखियां
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आदित्य शर्मा/नस

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चंडीगढ़/पंचकूला, 22 अगस्त

रक्षाबंधन के त्यौहार पर जेल में बंद बंदियों की सूनी कलाई पर भी रक्षा सूत्र बांधे गए। बुड़ैल मॉडल जेल में कैदियों ने अपने अपने तरीके से रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया। जेल में जहां कैदियों ने वीडियो काॅल कर बहनों के चेहरे देखकर जेल महिला कर्मियों से राखियां बंधवाई वहीं, डाक द्वारा भेजी गई राखियों की अच्छे से जांच करने के बाद कैदियों की कलाई पर बांधी गई। दिलचस्प बात यह है कि अपनी मां के साथ जेल में रह रहे 2 मासूम बच्चों ने भी रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया।

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एआईजी जेल, विराट ने बताया कि जेल प्रबंधन की तरफ से एक समारोह के बीच कैदियों को राखी बांधी गई। कैदियों के लिए विशेष तौर पर 3 तरह के इंतजाम किए गए थे। जो कैदी वीडियो काल के जरिए अपनी बहनों और परिवार से बात करके ये त्यौहार मनाना चाहते थे उन्हें वीडियो काल करने दी गई थी। 23 अलग अलग बैरकों में रखे गए कैदियों को इस समारोह में राखिंया बांधी गई। इसी प्रकार जेल में कैदियों को आए साल रक्षाबंधन पर बहने डाक द्वारा राखियां भेजती हैं, उन राखियों को खोल कर पहले सेनेटाइज किया गया उनकी जांच करने के बाद ही कैदियों को राखियां बांधी गई हैं। वहीं, कैदियों को जेल में ही राखी बांधी गई।

जेल में बनाया लव-कुश किड्स रूम : बुड़ैल मॉडल जेल में जेल प्रबंधन की तरफ से बच्चों के लिए विशेष तौर पर एक लव-कुश किड्स रूम बनाया गया है, जिसें नन्हे-मुन्ने बच्चों के लिए खिलौनों से भरा गया है। चंडीगढ़ माडल जेल में इनर व्हील क्लब की तरफ से 2 दिन पहले जेल में अपनी माताओं के साथ रह रहे 2 मासूम बच्चों भी राखी बांधी गई। इनर व्हील की तरफ से राखी के त्यौहार पर इन बच्चों को खिलौने भेंट किए गए।

हो रहा शुभ योगों का निर्माण : पंचांग के अनुसार 22 अगस्त 2021 रविवार को सावन का आखिरी दिन भी है। विद्वानों के अनुसार रक्षा बंधन का पर्व इस वर्ष शुभ संयोग में मनाया जा रहा है। इस बार रक्षाबंधन पर शुभ योगों का निर्माण भी हो रहा है। पंचांग के अनुसार दो विशेष शुभ मुहुर्त का योग बना हुआ है।

ड्राई फ्रूट्स के दामों ने बिगाड़ा मिजाज : ड्राई फ्रूट्स के बढ़े भावों ने पर्व का मजा कुछ किरकिरा किया लेकिन सावन का आखिरी दिन होने के कारण मिठाई में रबड़ी वाले घेवर को सबसे ज्यादा पसंद किया गया। हल्दी, रोली, कुमकम, चंदन और गुजिया की महक वही रही लेकिन लेने और देने का तरीकों में काफी परिवर्तन आ गया है। समय की कमी और स्थान की दूरी के चलते जहां भाई बहन का मिलना नहीं हो पा रहा है वहां एक-दूसरे के प्रति प्यार जताने के लिए ऑनलाइन राखी भेजी गई।

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