‘पिछले विधायकों ने आदमपुर में विकास नहीं किया’
हिसार, 24 अक्तूबर (हप्र)
दीपावली मिलन समारोह में बुधवार को आयोजित आदमपुर के नवनिर्वाचित विधायक एवं सेवानिवृत्ति आईएएस अधिकारी चंद्रप्रकाश ने कहा कि उन्हें पहले दिन से ही विश्वास था कि वे 200 प्रतिशत आदमपुर विधानसभा हलके से चुनाव जीतकर एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाएंगे। उन्होंने कहा कि आदमपुर हलका पिछले 20 सालों से पिछड़ा हुआ है। आदमपुर के उज्ज्वल भविष्य के लिए उन्होंने लोगों के समक्ष अपनी नीति व विजन रखा, लोगों को पसंद आया। आदमपुर में विकास, रोजगार तथा अन्य हर तरह के विकास कार्य करवाए जाएंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि यहां अब तक विधायक रहे नुमाइंदों ने हलके में केवल हाल-चाल पूछा। हलके में राम-राम के अलावा कोई काम नहीं किया। इसी कारण आदमपुर हलका पिछड़ा हुआ है। उन्होंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी की आपस में तुलना की तथा उनकी नीतियों व कार्य शैली के बारे में बताया। हलके के लोगों ने हमारा साथ दिया और हमने इस क्षेत्र में विजय पाई। बड़े सभ्य ढंग से चुनाव लड़ा गया। अधिकारी रहते हुए उनकी राजनीति में जाने की ललक रहती थी। 2017 में वे इस पद से रिटायर हुए। इस दौरान उन्हें 3 महीने की एक्सटेंशन मिल गई। इसके बाद वे सूचना आयुक्त बन गए। कोरोना का दौर देखा, कई उतार चढ़ाव देखने को मिले। कई बुजुर्ग व मिलनसार लोग राजनीति में जाने के लिए मना करते थे परंतु वह अपने चाचा पूर्व सांसद दिवंगत पंडित रामजीलाल की कार्यशेली को देखते तो अत्यंत प्रभावित होते थे। वे सच्चे इंसान थे। उन्होंने कहा कि
लगभग दो वर्ष पूर्व हुए आदमपुर उप चुनाव व लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने कांग्रेस पार्टी से टिकट लेने की पूरी तैयारी कर रखी थी लेकिन पार्टी द्वारा टिकट नहीं दी गई। अब उन्होंने नलवा से पूरे दम खम के साथ अपनी तैयारी की हुई थी किंतु पार्टी हाईकमान ने उन्हें आदमपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रत्याशी बनाया। उन्होंने कहा कि टिकट मिलने पर वे 200 प्रतिशत आश्वस्त थे कि वे आदमपुर में मुकाबले के लिए नहीं, चुनाव जीतने के लिए जा रहे हैं। यह जानते हुए भी कि इस क्षेत्र से चौधरी देवीलाल, सुरेंद्र सिंह, रणजीत चौटाला आदि कद्दावर नेता चुनाव लड़ चुके हैं और सभी हार भी गए किंतु उन्होंने कार्यकर्ताओं व नेताओं के साथ सुबह 6 बजे से रात 2 बजे तक पूरे क्षेत्र में अभियान चलाया।