मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

तोप-तमंचों के जमाने में भी ज़हर!

07:54 AM Dec 23, 2023 IST

सहीराम

हमेशा तोप-तमंचों से खेलने वाला कोई डॉन अगर ज़हर खाकर मरे, तो इससे बुरी बात उसके लिए और क्या हो सकती है। यह ठीक है कि पुराने जमाने में बादशाहों तक को ज़हर देकर ही निपटाया जाता था। लेकिन अब वो जमाना थोड़े ही रह गया। अब तो कोई डॉन ज़हर का धंधा तो कर सकता है। ड्रग्स का धंधा, नशे का धंधा ज़हर का ही तो धंधा है। लेकिन खुद ज़हर खाकर मर जाए वो क्या डॉन हुआ भई! क्या वह बंदूक की एक गोली लायक भी नहीं बचा। फिल्मों ने हमें यही दिखाया है कि डॉनों की मौत दनादन चलती गोलियों से ही होती है। वैसे तो फिल्मों में एके सैंतालीस वगैरह सबका इस्तेमाल दिखाया जाता है, लेकिन कोई मरा गिरा डॉन भी कट्टे की गोली का हकदार तो होता ही है। और अगर वह बिल्कुल ही नाकारा हो लिया था, तो भी चक्कू-छुरियों लायक तो बचा होगा।
खबर थी जी कि दाउद इब्राहीम को पाकिस्तान में ज़हर दे दिया गया। लो जी मुंबई से दुबई तक अपना साम्राज्य चलाने वाले डॉन का यह हाल हुआ। काहे का डॉन यार। क्या डी कंपनी चलाता था। यह खुद दाउद के लिए तो शर्म की बात है ही पाकिस्तान के लिए भी शर्म की बात है। क्या उसके पास बंदूकें, गोला-बारूद सब खत्म हो गया कि अब लोगों को मारने के लिए उसे ज़हर से काम चलाना पड़ रहा है। नहीं, वहां आतंकवाद का ज़हर तो है, धर्मांधता का जहर तो है।
दाउद की यह कौन-सी मौत थी, पता नहीं। मरने से पहले बगदादी भी उसकी तरह कई मौतें मरा था। बगदादी के बाद अब दाउद ही खबरिया चैनलों की सनसनी के काम आ रहा है। यह तो हैसियत रह गयी है आतंक के सरगनाओं की। मरने से पहले हजार मौतें बदनसीब ही मरा करते हैं- ऐसा कहा जाता है। वैसे अपने यहां यह भी माना जाता है कि अगर मौत की अफवाह फैल जाए तो इससे उस आदमी की उम्र बढ़ जाती है। वैसे डॉनों और आतंक के बादशाहों की उम्र बहुत होती नहीं। उन्हें किसी लादेन, किसी बगदादी की मौत ही मरना पड़ता है। खैर जी, दाउद मरा या नहीं, यह तो पता नहीं। लेकिन उसकी मौत की सनसनी अभी भी है। इससे इस बात पर भी मोहर लग गयी कि वह पाकिस्तान में ही है।
लादेन भी पाकिस्तान में ही था। पाकिस्तान में आतंकियों के होने का इकरार नहीं किया जाता, वैसे ही जैसे इश्क-मुश्क के पुराने किस्सों में इश्क का इकरार नहीं किया जाता था। लेकिन जैसे वह इश्क होता था, वैसे ही पाकिस्तान में आतंकी भी होते हैं। यह तय है। लेकिन दाउद को ज़हर दिए जाने की खबर से इस बात की भी पुष्टि होती है कि पाकिस्तान की माली हालत सचमुच बड़ी खराब है यार। दाउद जैसे डॉन को भी ज़हर देकर ही मारा जा रहा है।

Advertisement

Advertisement