जीत से प्रेरणा
एकजुटता, एकाग्रता, समर्पण, कठोर मेहनत, अनुशासन, टीम भावना से भारत ने ट्वेंटी-ट्वेंटी क्रिकेट का विश्व कप जीतकर अचंभित नहीं किया बल्कि वो इसकी हकदार भी थी। विराट, रोहित, सूर्या, बुमराह, अर्शदीप, अक्षर, कुलदीप ने पूरे टूर्नामेंट में खेल दिखाकर सबका दिल जीता है। जहां राहुल द्रविड़ जैसे कोच ने टीम को कभी भी मायूस नहीं होने दिया उससे भारतीय टीम में एक नई ऊर्जा का उदय हुआ है। टीम ने अपने पिछले एक दिवसीय विश्व कप की हार से सबक लेते हुए जीत दर्ज की वो काबिलेतारीफ है। नए खिलाड़ियों को भी इस जीत से प्रेरणा मिलेगी।
भगवानदास छारिया, इंदौरआत्मविश्वास और जुनून
क्रिकेट भारत की आत्मा में है। दुनिया में सबसे ज्यादा क्रिकेट खिलाड़ी होने और सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई द्वारा प्रदत्त तमाम सुविधाओं के बावजूद भारत ने एक दशक बाद कोई आईसीसी ट्रॉफी जीती है। ये जीत सिर्फ़ सीनियर के भरोसे नहीं मिली बल्कि इसमें आत्मविश्वास और जुनून से भरे नए खिलाड़ियों का भी योगदान है। यानी हमारी बेंच स्ट्रेंथ अच्छी है। इसे नए खिलाड़ियों का रुतबा और क्रिकेट का दायरा दोनों बढ़ेंगे। लेकिन ध्यान रहे कि क्रिकेट की अति न हो और ये अन्य खेलों पर भारी न पड़े। ओलंपिक, एशियाड और अन्य अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में हमारा प्रदर्शन सुधर रहा है और ये जारी रहना चाहिए।
बृजेश माथुर, गाजियाबाद, उ.प्र.
सामूहिक सफलता
दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध 176 रन के लक्ष्य से टी-20 विश्व कप जीतकर भारतीय क्रिकेट टीम ने राष्ट्रीय गौरव को द्विगुणित किया है। दृढ़ विश्वास के चौके, छक्के अर्धशतक ने दूर जाती विजयश्री को गले लगाया। स्टेडियम की दर्शक दीर्घा व टीवी स्क्रीन से चिपके क्रिकेट प्रेमियों की दुआएं फलीभूत हुईं। लंबे इंतजार के बाद विश्व सिरमौर बनी ऐतिहासिक जीत का श्रेय विराट कोहली, कोच राहुल द्रविड़ को नहीं अपितु सारी भारतीय क्रिकेट टीम की लग्ान, मेहनत, कुशल गेंद बल्लेबाजी, क्षेत्र रक्षण के सुखद परिणाम को जाता है।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथलनई ऊर्जा का संचार
सत्रह साल के बाद भारत टी-20 विश्व कप विजेता बना। भारत ब्रिजस्टोन में दक्षिणी अफ्रीका को सात रनों से रोमांचित मुकाबले में हराकर इतिहास रचने में कामयाब हुआ। इस ऐतिहासिक जीत का बड़ा कारण विराट कोहली द्वारा शानदार अर्धशतक लगाना था। भारतीय टीम गेंदबाजी, बल्लेबाजी तथा क्षेत्र रक्षण में लाजवाब रहा। कोच के तौर पर राहुल द्रविड़ के योगदान को सदा याद रखा जाएगा। टी-20 जीतने से टीम में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है।
शामलाल कौशल, रोहतकएकजुटता की जीत
टी-20 विश्व कप जीतने पर हर भारतीय को खुश होना स्वाभाविक है। यह जीत 17 वर्ष बाद मिली ऐसी बड़ी उपलब्धि है, जिसमें ऐसा कोई मैच नहीं था जिसमें भारत को जीत न मिली हो। हर बार भारत को जीत मिलने से खिलाड़ियों में जोश एवं उत्साह बरकरार रहा। यद्यपि फाइनल मैच में कशमकश रही किंतु जीत के लक्ष्य के लिए पूरी टीम के अडिग रहने और तालमेल बनाने से जीत मिली। खिलाड़ियों ने भारतीयता का परिचय भी दिया है, जो प्रशंसनीय और अनुकरणीय है। भविष्य में होने वाले मैच में खिलाड़ियों को भी एकजुट ही रहना होगा। यद्यपि रोहित और विराट ने टी-20 क्रिकेट से संन्यास ले लिया है लेकिन नये खिलाड़ियों से बहुत उम्मीदें हैं।
बीएल शर्मा, तराना, उज्जैन
सिरमौर बनने की राह
भारतीय टीम ने दिखा दिया कि किसी भी सामूहिक खेल में सफलता प्राप्त करने के लिए जहां युवा जोश एवं ताकत की जरूरत होती है वहीं अनुभवी मार्गदर्शन की भी विशेष भूमिका होती है। दूरदर्शी नेतृत्व की भूमिका से कोई इनकार नहीं कर सकता। टीम ने दिखा दिया कि विभिन्न पड़ावों पर लड़खड़ाने के बावजूद अंतिम क्षण तक शारीरिक एवं मानसिक दृढ़ता के साथ-साथ साहस बनाये रखना विजेता बनने के लिए कितना आवश्यक है? टी-20 विश्वकप विजेता बनकर भारत न केवल क्रिकेट का बल्कि संपूर्ण खेल जगत का सिरमौर बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है।
राजकुमार कश्यप, राजौंद