जन संसद
सफल कूटनीति
भारत की अध्यक्षता में दिल्ली में संपन्न हुए अंतर्राष्ट्रीय जी-20 शिखर सम्मेलन की सफलता से राष्ट्र कीर्ति में वृद्धि हुई। अमेरिका, चीन व पश्चिमी देशों के मध्य टकराव के बावजूद यूक्रेन युद्ध पर टकराव की स्थिति पैदा ही नहीं हुई। संयुक्त राष्ट्र चार्टर की अनुपालना है किसी देश के निजी मामले में हस्तक्षेप न करना। आयात-निर्यात संबंधी वाणिज्य नीति भी जी-20 विश्व सम्मेलन घोषणा पत्र का विषय रही। ऐसे में भारत की आयोजक के रूप में सराहनीय भूमिका रही। भारतीय सफल कूटनीति काबिले तारीफ रही।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
सामंजस्य की नीति
जी-20 शिखर सम्मेलन दिल्ली में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ जिसमें संयुक्त घोषणा पत्र पर सबकी सहमति लेकर मोदी जी ने अपनी कूटनीतिक परिपक्वता का परिचय दिया। उन्होंने चीन व रूस और पश्चिमी देशों को अपने एजेंडे पर नहीं चलने दिया। वहीं यूक्रेन युद्ध को लेकर जो रूस और पश्चिमी देशों में कटुता थी, उसका असर यहां दिखने नहीं दिया। अफ्रीकी यूनियन का जी-20 का 21वां सदस्य बनना इस सम्मेलन की विशेष उपलब्धि रही है। भारत-अमेरिका रिश्तों, वैश्विक राजनीति की दिशा और जी-20 की भूमिका इन सभी बातों पर रोशनी डाली गई। भारत की अध्यक्षता में जी-20 सम्मेलन सफल साबित हुआ।
भगवानदास छारिया, इंदौर
कूटनीतिक कौशल
जी-20 के भव्य एवं सफल आयोजन से अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भारत का गौरव बढ़ा है। इस आयोजन में भारत ने जो राजनीतिक व कूटनीतिक कौशल दिखाया इससे सयुंक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में स्थाई सदस्य का दावा मजबूत हो गया। यूक्रेन युद्ध के समय विकट परिस्थितियों में घोषणा पत्र पर अमेरिका, रूस व चीन की सहमति जुटाना किसी ऐतिहासिक उपलब्धि से कम नहीं है। इस युद्ध में भारत जिस तरह अपनी स्वतंत्र विदेश नीति पर कायम रहा, यह भारत की बढ़ती साख का प्रतीक है। ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की धारणा को चरितार्थ करते हुए आर्थिक रूप से बंटे हुए देशों को एक मंच पर इकट्ठा करना दर्शाता है कि भारत विश्व कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
सुचिता गौड़, कैथल
महत्वपूर्ण हासिल
भारत की कूटनीतिक सफलता के रूप में देखे जाने वाले ‘दिल्ली घोषणा पत्र’ पर सभी सदस्य देशों की सहमति और विपरीत ध्रुवों की उपस्थिति के बावजूद अफ़्रीकी संघ को जी-20 समूह में शामिल करवाने में मिली कामयाबी हालिया शिखर सम्मेलन का महत्वपूर्ण हासिल है। वैश्विक व्यापार की राह में चुनौती बने, चीन प्रायोजित, ‘बैल्ट एण्ड रोड इनिशिएटिव’ की काट के रूप में एक और बड़ी उपलब्धि, ‘भारत-मध्यपूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा’ के निर्माण पर सहमति बनना है। सम्मेलन में ‘ग्लोबल बायोफ्यूल अलायन्स’ का ऐलान भी कार्बन उत्सर्जन को ज़ीरो स्तर पर लाने की तत्काल आवश्यकता के उद्देश्य को पूरा करने में सहायक सिद्ध होगा।
ईश्वर चन्द गर्ग, कैथल
सबका कल्याण मकसद
जी-20 शिखर सम्मेलन की सफलता भारतीय कुटनीति का श्रेष्ठ उदाहरण है। भारत मध्य पूर्व यूरोपीय आर्थिक गलियारा स्थापित करने की घोषणा दुनिया के गरीब देश के लिए वरदान साबित हो सकती है। नई दिल्ली घोषणा पत्र के 83 बिंदुओं पर उपस्थित देश की सहमति इस बात का संकेत है कि भारत की ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ से कल्याण की नीति अंततः अपने मकसद में पूरी तरह कामयाब होगी। यूक्रेन युद्ध की असंगतता, धार्मिक घृणा और आतंकवाद के विरुद्ध आम सहमति भारत की बड़ी सफलता साबित हुई है।
अमृतलाल मारू, इन्दौर, म.प्र.
सुरक्षा परिषद की दावेदारी
दिल्ली शिखर सम्मेलन में मेजबान भारत अपनी अध्यक्षता का आदर्श वाक्य ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ पर आगे बढ़ा। जिसकी बदौलत जी-20 में सबकी भागीदारी पहले की अपेक्षा अधिक बन सके। इस में दो राय नहीं कि शिखर सम्मेलन के दौरान भारत द्वारा दर्शाए गए कूटनीतिक कौशल से हमारी संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता की दावेदारी मजबूत हुई है। कोरोना संकट व रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते उत्पन्न विषम परिस्थितियों के बीच भारत द्वारा जी-20 सम्मेलन के सफल आयोजन से देश की छवि उज्ज्वल हुई है।
जयभगवान भारद्वाज, नाहड़
छवि सुधरी
जी-20 का सम्मेलन निर्विवाद तथा सफलतापूर्वक संपन्न होने से विश्व में भारत की छवि में बहुत सुधार हुआ है। यूक्रेन के मामले को लेकर अमेरिका तथा पश्चिमी देश और रूस तथा चीन के बीच विवाद उत्पन्न होने की स्थिति को भारत ने पैदा ही नहीं होने दिया। इस मौके पर अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का सदस्य बनाकर भारत ने इन देशों में चीन के महत्व को कम कर दिया। भारत ने उपस्थित राष्ट्रीय अध्यक्षों को ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ का जो संदेश दिया वह भी महत्वपूर्ण था। पर्यावरण तथा व्यापार में सुधार के लिए भी घोषणा की गई। जी-20 सम्मेलन की सफलता ने भारत को विश्व का अग्रणीय देश बना दिया।
शामलाल कौशल, रोहतक