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पिंजौर एप्पल मंडी में जनता को लगी 422 करोड़ की चपत : विजय बंसल

08:17 AM Jun 03, 2024 IST
पिंजौर एप्पल मंडी में जनता को लगी 422 करोड़ की चपत   विजय बंसल
एचएमटी पिंजौर की एप्पल मंडी का प्रवेश द्वार। -निस
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पंचकूला/पिंजौर, 2 जून (हप्र/निस)
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव विजय बंसल ने हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड से आरटीआई के तहत मिली जानकारी के आधार पर बड़ा खुलासा करते हुए सरकार की गलत नीतियों को लागू करने के कारण जनता के 422 करोड़ रुपए से अधिक राशि एचएमटी एप्पल मंडी के निर्माण पर बर्बाद करने का आरोप लगाया है।
बंसल ने रविवार को पत्रकारों के समक्ष बताया कि हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नवंबर 2018 में एचएमटी की खाली पड़ी जमीन पर एप्पल मंडी का निर्माण करने की घोषणा की थी जिसके बाद हरियाणा राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) ने एचएमटी की 78 एकड़ जमीन अधिग्रहण कर हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड को एप्पल मंडी निर्माण के लिए 250 करोड़ रुपए में दी। विजय बंसल ने बताया कि मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार मार्केटिंग बोर्ड ने ऋण लेकर और अन्य स्रोतों से राशि लेकर पिंजौर में एप्पल मंडी का निर्माण आरंभ किया गया जिसके तहत पहले चरण में मार्केटिंग बोर्ड ने 19.54 करोड़ रुपये की राशि मंडी निर्माण में खर्च की जबकि दूसरे चरण में 152.72 करोड़ रुपए की राशि लगाई जा रही है लेकिन निर्माण कार्य अभी भी अधूरा पड़ा है।
बंसल ने कहा कि जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर 18 नवंबर, 2018 को कालका में एप्पल मंडी की आधारशिला रखने आए थे, उसी समय एचएमटी बचाओ संघर्ष समिति के संरक्षक के तौर पर उनके नेतृत्व में लोगों ने एचएमटी में एप्पल मंडी का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री को काले झंडे भी दिखाए थे। विजय बंसल ने कहा कि जब पिंजौर, कालका और आसपास के क्षेत्र में सेब की खेती नहीं होती है और न ही यहां के लोगों के फलों के बगीचे हैं तो फिर पिंजौर में एप्पल मंडी का क्या औचित्य है।
विजय बंसल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने अधिकारियों और अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से जनता के अरबों रुपए खर्च कर पानी में बहा दिए हैं। इस मंडी से न तो कालका के किसानों को लाभ पहुंचेगा, न ही कालका क्षेत्र के युवाओं को।
विजय बंसल ने बताया कि सूचना के अधिकार कानून से प्राप्त जानकारी के अनुसार खुलासा हुआ है कि जमीन की राशि के अलावा मंडी निर्माण में अब तक 85 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। पहले चरण में जारी राशि में से 5 प्रतिशत काम शेष है जबकि दूसरे चरण में जारी राशि से केवल 50 प्रतिशत ही काम हो पाया है। विजय बंसल ने कहा कि इस बात का भी खुलासा हुआ है कि गत 6 वर्ष के दौरान एक दुकान का ही निर्माण हो पाया है जबकि दुकानों के कुल 95 प्लॉट हैं।
इनमें से 60 प्लाटों की पेमेंट आ गई है, 9 प्लाटों की केवल 15 प्रतिशत पेमेंट आई है, तीन की 15 प्रतिशत पेमेंट बकाया है जबकि बोली के बाद 12 प्लॉट धारकों ने आगे की राशि ही जमा नहीं करवाई और मार्केटिंग बोर्ड ने खुद 11 प्लॉट रद्द कर दिए हैं। एडवोकेट विजय बंसल ने कहा कि खाली पड़ी 78 बीघा जमीन पर अरबों रुपए बेकार में लगा दिए गए और सरकार द्वारा बाकी की जमीन को भी खुर्द-बुर्द करने की कोशिश की जा रही है।

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