अनुसूचित वंचित जातियों के लोगों ने मुख्यमंत्री सैनी का किया अभिनंदन
चंडीगढ़, 22 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा अनुसूचित वंचित जातियों के लिए आरक्षण में उप-वर्गीकरण को लागू किए जाने पर मंगलवार को कैबिनेट मंत्री कृष्ण कुमार बेदी व समाज के अग्रणी लोगों की अगुवाई में प्रदेश से वंचित जातियों के गणमान्य प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया। चंडीगढ़ स्थित सीएम आवास पर समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया और आरक्षण के फैसले पर खुशी जताई।
इस मौके पर पूर्व मंत्री बिशम्बर वाल्मीकि, पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल व बवानीखेड़ा विधायक कपूर सिंह वाल्मीकि आदि ने सीएम का पगड़ी पहनाकर सम्मान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित वंचित जातियों सहित प्रदेश में सभी तरह की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। समाज द्वारा दिए गए निमंत्रण को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी की अगुवाई में समाज द्वारा निर्धारित हरियाणा में किसी एक जगह आयोजित रैली में पहुंचने की भी स्वीकृति दी।
मुख्यमंत्री ने डीएससी में शामिल एक-एक जाति का नाम लेते हुए सभी जातियों को प्रणाम किया और कहा कि सीएम हाउस की मालिक हरियाणा की जनता है। मुझे आपने यहां बतौर चौकीदार की जिम्मेदारी दी है, उसे निभा रहा हूं। उन्होंने समाज के प्रतिनिधियों से संवाद स्थापित करते हुए कहा कि भाजपा युवाओं के साथ राजनीति नहीं करती। जब मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के आशीर्वाद से कार्यभार संभाला था तो 15000 नौकरियों के लिए युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए थे।
इस पर युवा विरोधी कांग्रेस चुनाव आयोग तक पहुंची और युवाओं को नियुक्ति पत्र देने का विरोध किया। आयोग ने चुनाव परिणाम आने तक रोक लगा दी, लेकिन हमारी सरकार ने वादे को पूरा करते हुए चुनाव परिणाम आते ही 25000 घरों में रोजगार दिया। सरकार का प्रयास है कि सामान्य घरों से भी एचसीएस एवं आईएएस स्तर के अधिकारी निकलें। सैनी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव परिणाम से पहले ही कुछ नेताओं के यहां घोड़े आ गए थे। जलेबियां पहुंच गई थी लेकिन 2 करोड़ 80 लाख जनता ने हवा का रुख मोड़ दिया।
प्रदेश के गठन से चल रही थी हक की लड़ाई...
समाज कल्याण मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि अनुसूचित वंचित जातियों की आरक्षण में वर्गीकरण की लड़ाई हरियाणा के गठन के समय से है। 1994 में तत्कालीन मुख्यमंत्री चौ. भजनलाल ने इन जातियों को हक दिया था। लेकिन वर्ष 2005 में कांग्रेस सरकार में तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने समाज से यह अधिकार छीन लिया था। अब मुख्यमंत्री ने इस जख्म पर न केवल मरहम लगाने का काम किया बल्कि अच्छी दवा भी दी है।