‘सतगुरु की संगत से ही प्राप्त होती है शांति’
जगाधरी (हप्र) : छछरौली रोड स्थित समता योगाश्रम में 96वें वार्षिक समता सत्संग सम्मेलन के पहले दिन शुक्रवार को राजीव वर्मा ने प्रवचन दिये और संगत को बताया कि सदाचार और सत केवल परमेश्वर हैं। ईश्वर सबमें एक आत्मा के समान रूप से विराजमान है। अखंड सुख तथा निर्भय शांति के स्रोत है और यह सतगुरु की संगत से ही प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि हम सब उनकी संतान रूप है। ईश्वर किसी से कोई भेदभाव नहीं करता। उन्होंने कहा कि सभी को उनके कर्मों का फल मिलता है। अच्छी सोच और व्यवहार वाले मनुष्य ही जीवन को सफल करके परमधाम तक अग्रसर हो पाते हैं। राजीव वर्मा ने कहा कि सदाचार की तरफ सत्संग और अनुशासन से ही इसे लाया जा सकता है। जीवन यापन के लिए सतगुरु के दिए सिद्धांत को आत्मसात करना चाहिए। जीवों से प्रेम करना चाहिए। निष्काम भाव से जरूरतमंदों की सेवा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्म का फल भगवान जरूर देते हैं। फल की चिंता किये बिना किया कार्य ही महान कार्य माना जाता है।