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किसानों के खातों में भेजी गन्ने की 11 करोड़ की पेमेंट

08:36 AM Jul 09, 2024 IST
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सोनीपत, 8 जुलाई (हप्र)
सोनीपत चीनी मिल में पिराई सत्र समाप्त होने के बाद गन्ने की पेमेंट का इंतजार कर रहे किसानों के लिए राहत की खबर है। सोनीपत चीनी मिल प्रशासन द्वारा किसानों के खातों में 11 करोड़ रुपये की बकाया राशि भेज दी गई है। पेमेंट जारी होते ही मिल प्रशासन द्वारा पिराई सत्र 2023-24 में खरीदे गए किसानों के खरीदे गन्ने का पूर्ण भुगतान कर दिया गया है।
दरअसल, सोनीपत चीनी मिल में पिराई सत्र की शुरूआत नवंबर 2023 में हुई थी। बढ़ती गर्मी को देखते हुए मिल प्रशासन ने 20 अप्रैल तक पिराई सत्र को समाप्त करने का लक्ष्य रखा था। 22 अप्रैल को ‘नो केन’ की स्थिति पैदा होने के बाद पिराई सत्र के समाप्ति की घोषणा कर दी गई थी। पिराई सत्र समाप्त होने के बाद काफी संख्या में किसानों की पेमेंट पेडिंग थी जिसका अब भुगतान मिल प्रशासन द्वारा कर दिया गया है।

करीब 28 लाख क्विंटल गन्ने की हुई थी पिराई

सोनीपत चीनी मिल में पिराई सत्र 2023-24 के तहत करीब 33 लाख क्विंटल गन्ने की किसानों के साथ बॉडिंग की गई थी। पिराई सत्र काफी बेहतर रहा था और करीब 28 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई सोनीपत चीनी मिल में की गई। यही नही एक लाख क्विंटल गन्ना गोहाना चीनी मिल में भी भेजा गया था। पिराई सत्र में चीनी की रिकवरी रेट भी 10 प्रतिशत से अधिक रही थी। चीनी का उत्पादन भी अधिक रहा।

सत्र में पहली बार लागू हुआ था एडवांस टोकन बुकिंग सिस्टम

पिराई सत्र 2023-24 में किसानों को मिल प्रशासन द्वारा कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई थी जिसमें सबसे खास एडवांस टोकन बुकिंग सिस्टम रहा। यह सिस्टम लागू होने के बाद किसानों को टोकन लगवाने के लिए सीधे मिल में पहुंचने की आवश्यकता नही पड़ी, बल्कि घर से ही अपने गन्ने का टोकन बुक कर लिया। जिसके बाद ऑनलाइन तरीके से टोकन नंबर की मॉनिटरिंग की। जैसे ही टोकन नंबर नजदीक आया, किसान अपना गन्ना लेकर मिल में पहुंच गए। इस सिस्टम के लागू होने के बाद मिल यार्ड में जाम की स्थिति से भी छुटकारा मिल गया था।
"सोनीपत चीनी मिल प्रशासन द्वारा किसानों के साथ करीब साढ़े 33 लाख क्विंटल गन्ने की बॉडिंग की गई थी। इसमें से मिल प्रशासन द्वारा 28 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई की गई थी। जबकि एक लाख क्विंटल गन्ना गोहाना भेजा गया था। मिल प्रशासन द्वारा सभी किसानों की गन्ने की पेमेंट जारी कर दी गई है। मिल प्रशासन नवंबर में शुरू होने वाले नए पिराई सत्र की तैयारियों में जुट गया है।"
-संजय कुमार, एमडी, सोनीपत सहकारी चीनी मिल
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