Pauranik Kathayen : वनवास के दौरान माता सीता ने क्यों पहनी थी एक ही साड़ी, जानिए दिलचस्प कथा
चंडीगढ़, 23 दिसंबर (ट्रिन्यू)
माता कैकेयी के वचन में बंधे राजा दशरथ का मान रखने के लिए भगवान श्रीराम ने 14 साल वनवास में रहना मंजूर किया था। कहा जाता है कि वनवास के दौरान माता सीता ने एक ही साड़ी पहनी थी। चलिए आपको बताते हैं इससे जुड़ी कहानियां...
देवी अनुसूया ने दी थी उपहार
रामायण के अनुसार, जब माता सीता वनवास गई थी तो उनकी मुलाकात ऋषि अत्रि की पत्नी अनुसूया से हुई थी। उन्होंने माता सीता को पीले रंग की दिव्य एक साड़ी भेंट की थी। यह साड़ी उन्होंने अग्नि देव के तपोबल से प्रसन्न होकर माता को भेंट दी थी, जो कभी मैली नहीं होती थी। साथ ही इसपर किसी तरह का कोई दाग भी नहीं लगता था। कहा जाता है कि इसलिए माता सीता ने 14 वर्षों तक एक ही साड़ी पहनी थी। इसी के साथ देवी अनुसूया ने माता सीता को पत्नी धर्म का उपदेश भी दिया था।
राम के प्रति अटूट भक्ति और निष्ठा
रामायण के अनुसार, माता सीता को अक्सर अपने 14 साल के वनवास के दौरान एक ही साड़ी पहने हुए दिखाया जाता है। यह भगवान राम के प्रति उनकी अटूट भक्ति और निष्ठा का प्रतीक है, जो "पतिव्रत धर्म" के सिद्धांत के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसका अर्थ है कि वह जंगल में कठिनाई के दौरान भी अपने कपड़े नहीं बदलती।
कुछ कथाओं के अनुसार, एक ही साड़ी पहनकर माता सीता अनिवार्य रूप से खुद को प्राकृतिक दुनिया में विलीन कर रही थी, जो उनके दिव्य से जुड़ाव को दर्शाता है। हालांकि रामायण स्पष्ट रूप से एक साड़ी पहनने का सटीक कारण नहीं बताती है।