इनसानियत की राह
गुरु नानक देव जी ने सभी धर्मों, जातियों और वर्गों को एक समान समझने की शिक्षा दी थी। उनकी शिक्षाएं मात्र सिख धर्म के लिए ही आदर्श नहीं, बल्कि हर धर्म के लिए हैं। उन्होंने हर किसी को कुरीतियों, आडम्बरों, रूढ़िवादी परंपराओं के दलदल से बाहर निकलने की शिक्षाएं दीं। इन शिक्षाओं का अनुसरण करना ही गुरुओं और संतों की सच्ची भक्ति है।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
असली मुद्दे
देश में सभी अपनी ढपली पर अलग-अलग बेसुरा राग अलाप रहे हैं। कोई हिंदू, हिंदुत्व पर अपनी किताब में टिप्पणी कर विवाद पैदा कर रहा है तो कोई अन्य मुद्दों पर। इन सब विवादों में अगर नुकसान हो रहा है तो देश व जनता का। असल मुद्दों पर कोई भी बात करने को तैयार नहीं है। चाहे महंगाई का मुद्दा हो, बेरोजगारी का, भ्रष्टाचार का, रिश्वतखोरी का या स्वास्थ्य तंत्र में मरीजों से लूटपाट का। सवाल तो यह है कि इन बेतुके मुद्दों के कारण देश कहां पर है।
हेमा हरि उपाध्याय, खाचरोद, उज्जैन
स्वागतयोग्य पहल
गुरु नानक देव जी की जयंती पर प्रधानमंत्री द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करना, देशवासियों से क्षमा-याचना करना तथा हड़ताली किसानों को अपने-अपने घरों को वापस जाने की प्रार्थना करना स्वागतयोग्य है। अब इस घोषणा के बाद किसानों को अपना आंदोलन समाप्त कर देना चाहिए।
शामलाल कौशल, रोहतक
चीन से सचेत
19 नवंबर के दैनिक ट्रिब्यून में पुष्परंजन का ‘चीनी सैन्य तैयारी को गंभीरता से ले भारत’ लेख भारतीय गृह सुरक्षा सैन्य बल का राष्ट्र सुरक्षा के प्रति सजग करने वाला रहा। देश की पहाड़ी सीमा से सटे चीनी सैन्य बल का जमावड़ा भविष्य में युद्ध की तैयारी के मंसूबों का स्पष्ट संकेत जाहिर कर रहा था। फिर भी चीनी सैन्य बल के प्रति सचेत रहने की जरूरत है।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल