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अकाल तख्त पर पेश हुए परमिंदर ढींडसा, जागीर कौर और ठंडल

10:23 AM Sep 10, 2024 IST
शिरोमणि अकाली दल के बागी नेता परमिंदर सिंह ढींडसा, सोहन सिंह ठंडल और बीबी जागीर कौर सोमवार को अमृतसर में अकाल तख्त पर नतमस्तक हुए। -विशाल कुमार

संगरूर ‌9‌ सितंबर (निस)
अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के नेतृत्व में पंज सिंह साहिबान द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद आज पूर्व कैबिनेट मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा, बीबी जागीर कौर और सोहन सिंह ठंडल ने भी श्री अकाल तख्त साहिब पर अपन स्पष्टीकरण दिया। इस दौरान परमिंदर सिंह ढींडसा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वह अकाल तख्त साहिब के आदेश का पालन करते हुए आज स्पष्टीकरण देने आए हैं। उन्होंने कहा कि अकाल तख्त साहिब का जो भी आदेश होगा, वे उसके पालन के लिए तैयार हैं। जब पत्रकारों ने उनसे राजनीतिक मुद्दों पर बात करनी चाही तो ढींडसा ने कोई जवाब नहीं दिया और चले गए।
इस मौके पर बीबी जागीर कौर ने कहा कि 2012 से 2017 तक की सरकार में उन्होंने 14 मार्च, 2012 को मंत्रीपद की शपथ ली और 30 मार्च, 2012 को कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ 16 दिन तक सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं। इस बीच, पंजाब सरकार द्वारा कैबिनेट में चल रहे मामलों में दर्ज अपराधों के संबंध में कोई कार्रवाई या निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी की एक जिम्मेदार सेवक होने के नाते और सिख सिद्धांतों की रक्षा करने के लिए वह समय-समय पर अपनी आवाज उठाती रही हैं। उन्होंने कहा कि जब वह अकाली दल में थीं तब भी बार-बार अकाली दल की खराब नीतियों और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार और पंज सिंह साहिब द्वारा बुलाए गए तत्कालीन मंत्रियों के खिलाफ आवाज उठाती रहीं। उन्होंने कहा कि वह गुरु पंथ के प्रति पूर्ण समर्पण और विनम्र भाव से आज श्री अकाल तख्त साहिब पहुंची हैं और अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया है।
उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार का आदेश है कि फैसला आने तक वे कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं करेंगे। पूर्व मंत्री सोहन सिंह ठंडल ने भी कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब से जो आदेश मिलेगा, वह उसे स्वीकार करेंगे।
गौरतलब है कि 30 अगस्त को श्री अकाल तख्त साहिब पर हुई पंज सिंह साहिबान की बैठक में जहां सुखबीर सिंह बादल को तनखाहिया करार दिया गया था, वहीं 17 पूर्व मंत्रियों को भी 15 दिन के अंदर पेश होकर स्पष्टीकरण देने को कहा गया था। इस आदेश पर सहमति जताते हुए 7 पूर्व मंत्री पहले ही अपनी सफाई दे चुके हैं।

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