For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

सरकारी डॉक्टरों ने तीन घंटे सस्पेंड रखी ओपीडी, मरीज परेशान

10:25 AM Sep 10, 2024 IST
सरकारी डॉक्टरों ने तीन घंटे सस्पेंड रखी ओपीडी  मरीज परेशान
सरकारी अस्पताल समराला के डाॅक्टर सोमवार को मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए। -निस

पदोन्नति और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा की मांग

पटियाला/होशियारपुर, 9 सितंबर (एजेंसी)
पंजाब में सरकारी चिकित्सकों ने पदोन्नति और स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों समेत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए सोमवार को पूरे राज्य में तीन घंटे के लिए बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) की सेवाएं निलंबित कर दीं। प्रदर्शनरत चिकित्सकों ने बताया कि पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज (पीसीएमएस) एसोसिएशन के बैनर तले आयोजित यह विरोध प्रदर्शन जिला और उप-मंडलीय अस्पतालों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 11 सितंबर तक जारी रहेगा। इन सरकारी अस्पतालों में आ रहे कई मरीजों को सुबह आठ बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक ओपीडी सेवाएं निलंबित रहने के कारण असुविधा का सामना करना पड़ा। हालांकि, आपात सेवाएं जारी थीं।
पीसीएमएस एसोसिएशन (पटियाला इकाई) के अध्यक्ष डॉ. सुमित सिंह ने कहा कि सुनिश्चित करियर प्रगति (एसीपी) योजना बहाल करना प्रदर्शनरत चिकित्सकों की मुख्य मांगों में से एक है। सिंह ने कहा कि अन्य विभागों के विपरीत, चिकित्सकों के पास अपने करियर के दौरान पदोन्नति के कई तरीके नहीं होते हैं, जिसकी भरपाई वार्षिक करियर प्रगति योजना के माध्यम से की जाती है लेकिन 2021 में इसे रोक दिया गया। एसीपी योजना सरकारी कर्मचारियों को वित्तीय लाभ और उच्च वेतन उपलब्ध कराती है। एसोसिएशन अस्पतालों में स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों तथा और चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की भी मांग कर रही है।
चिकित्सक संघ ने रविवार रात की एक घटना का उल्लेख किया जिसमें मोहाली के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो अज्ञात पुरुषों ने आठ माह की गर्भवती चिकित्सक के साथ दुर्व्यवहार किया तथा इंजेक्शन लेकर फरार हो गए। पुलिस ने इस संबंध में एक मामला दर्ज किया है। इस बीच, पटियाला के माता कौशल्या हॉस्पिटल में जांच के लिए आए मरीजों को ओपीडी सेवाएं निलंबित रहने के कारण असुविधा का सामना करना पड़ा। पीसीएमएस एसोसिएशन के प्रतिनिधियों और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के बीच एक बैठक बुधवार को होनी है। एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर बैठक से कोई खास नतीजा नहीं निकला और पदोन्नति संबंधी अधिसूचना जारी नहीं की गयी तो बृहस्पतिवार से सभी सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दी जाएंगी।

Advertisement

निराश लौटे मरीज

समराला (निस) : सरकारी डॉक्टरों के संगठन पीसीएमएसए द्वारा पंजाब स्तर पर दी गई हड़ताल की कॉल के संबंध में आज स्थानीय सिविल अस्पताल के सरकारी डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर सुबह 8 से 11 बजे तक हड़ताल की, जबकि पैरामेडिकल स्टाफ उपस्थित रहा। डॉक्टरों की हड़ताल के कारण ओपीडी में रुटीन चेकअप के लिए अस्पताल आने वाले मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कुछ मरीजों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा तो कुछ को डाॅक्टरों के ड्यूटी पर आने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। इस दौरान अस्पताल में आपातकालीन सेवाएं बिना किसी बाधा के जारी रहीं। संगठन के नेता डॉ. लखविंदर सिंह के नेतृत्व में डॉक्टरों ने अपनी मांगों के समर्थन में और पंजाब सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 11 सितंबर की बैठक बेनतीजा रहती है और तरक्कियों के संबंध में कोई अधिसूचना नहीं आती है, तो 12 सितंबर से पूर्ण हड़ताल की जाएगी। इस मौके पर अन्य के अलावा एसएमओ डॉ. तारिकजोत सिंह, डॉ. मनिंदर सिंह, डॉ. गुरिंदर कौर
आदि उपस्थित थे।

अस्पताल में दिया धरना

बरनाला (निस) : मांगों को लेकर जिलेभर के सरकारी डॉक्टर सोमवार को 3 घंटे की हड़ताल पर रहे। डॉक्टरों ने सुबह 8 से 11 बजे तक एमरजेंसी को छोड़ कर किसी तरह की ओपीडी नहीं की। डॉक्टरों ने सिविल अस्पताल परिसर में धरना दिया। इस मौके पर डा. गगन सेखों, डा. करनदीप सिंह, डा. ईशा गुप्ता, डा. आंचल, डा. परवेश,डा. गगनदीप, डा. ज्योति कौशल (एसएमओ), डा. कमलजीत बाजवा (प्रेजिडेंट), डा. लवलीन गर्ग, डॉ. रिशु गर्ग, डा. लिप्सी मोदी, डा. मोनिका सिंगला, डा. राजकुमार ने कहा कि पंजाब में 1991 की आबादी के हिसाब से 4600 डॉक्टरों के पद मंजूर किए गए हैं जिनमें से 2800 पद अभी भी खाली पड़े हैं।

Advertisement

राजपुरा में भी बंद रही ओपीडी

राजपुरा (निस) : पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के बैनर तले पंजाब में मांगों को लेकर डाॅक्टरों की ओर से तीन दिन तक आधा दिन ओपीडी सेवाएं निलंबित रखने के फैसले के अनुसार राजपुरा के एपीजैन सिविल अस्पताल में भी डाॅक्टरों ने आज 11 बजे तक ओपीडी सेवाएं बंद कर रोष प्रकट किया व सरकार से जल्द डाॅक्टरों की मांगें मानने की अपील की। इस मौके पर डाॅ. गुरिंदर ने पत्रकारों को बताया कि वे हड़ताल पब्लिक के फायदे के लिये ही कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब में डाॅक्टरों की लगभग 2800 पोस्ट खाली पड़ी हैं, जिससे प्रत्येक डाॅक्टर को एमरजेंसी ड्यूटी व मरीजों को छोड़कर वीआईपी ड्यूटी, पोस्ट मार्टम, कैम्प, पड़ताल, मेडिको लीगल केस पर कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते हैं, वहीं लगभग 150 से ज्यादा मरीजों को रोजाना देखना पड़ता है। इस बीच डाॅक्टरों की सुरक्षा के प्रबंध बिल्कुल नहीं हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक उन्होंने सिर्फ तीन दिन के लिए ओपीडी सेवाएं आधे दिन के लिये बंद की हैं। सरकार ने अगर उनकी मांगें 11 सितंबर तक नहीं मानीं तो पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के फैसले के अनुसार कार्य करेंगे।

Advertisement
Advertisement