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शीत सत्र के पहले दिन अडाणी मुद्दे पर संसद ठप

05:43 AM Nov 26, 2024 IST
शीत सत्र के पहले दिन अडाणी मुद्दे पर संसद ठप
राज्यसभा में सोमवार को सभापति जगदीप धनखड़ एवं नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे। - प्रेट्र
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नयी दिल्ली, 25 नवंबर (एजेंसी)
संसद के शीतकालीन सत्र की सोमवार को हंगामेदार शुरुआत हुई। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने अडाणी समूह के खिलाफ अमेरिकी अभियोजकों के रिश्वतखोरी के आरोपों और उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा का मुद्दा उठाने का प्रयास करते हुए हंगामा किया। इसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही एक-एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।
राज्यसभा की बैठक शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि नियम 267 के तहत उन्हें कुल 13 नोटिस मिले हैं। अडाणी और संभल मामले पर चर्चा की मांग वाले इन सभी नोटिसों को सभापति ने अस्वीकार कर दिया और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बात रखने का मौका दिया। खड़गे ने कहा कि अडाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर हैं, वैश्विक स्तर पर देश की छवि खराब हुई और फिर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अडाणी का समर्थन कर रहे हैं। सभापति ने उन्हें टोकते हुए कहा कि वह उनके नोटिस को अस्वीकार कर चुके हैं। इस पर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्य खड़े हो गये और खड़गे को बोलने देने की मांग करते रहे।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में बैठक कर तय किया कि वे सदन में अडाणी समूह से जुड़ा मामला उठाएंगे और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग पर जोर देंगे। मंगलवार, 26 नवंबर को संविधान दिवस के उपलक्ष्य में लोकसभा एवं राज्यसभा की बैठक नहीं होगी। दोनों सदनों की अगली बैठक बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होगी।

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राजनीतिक स्वार्थ के लिए हुड़दंगबाजी : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राजनीतिक दलों से सत्र के दौरान स्वस्थ चर्चा में भाग लेने का आह्वान किया। सदन के बाहर उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए हुड़दंगबाजी से संसद को नियंत्रित करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। ... देश की जनता उनके सारे व्यवहार को बारीकी से देखती है और जब समय आता है तो उन्हें सजा भी देती है। जिनको जनता ने लगातार नकारा है, वे अपने साथियों की बात को भी नकार देते हैं और उनकी एवं लोकतंत्र की भावनाओं का अनादर करते हैं।’

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