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Parliament session: लोकसभा व राज्यसभा में हंगामा, नहीं हो सका प्रश्नकाल, कार्यवाही स्थगित

11:51 AM Mar 24, 2025 IST
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लोकसभा की कार्यवाही के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला। फोटो स्रोत संसद टीवी एक्स अकाउंट

नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा)

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Parliament session: लोकसभा में सोमवार को समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने प्रश्नकाल में महिला सुरक्षा से संबंधित मुद्दे उठाने का प्रयास करते हुए हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गयी।

सदन में प्रश्नकाल शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शिक्षकों की कमी से संबंधित विषय पर पूरक प्रश्न पूछने के लिए लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की शांभवी का नाम लिया। इसी दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के धर्मेंद्र यादव और उनकी पार्टी के कुछ सदस्यों को पोस्टर लहराते हुए देखा गया। वे महिला सुरक्षा से संबंधित मुद्दे पर कुछ कहने का प्रयास कर रहे थे और शोर-शराबा कर रहे थे।

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पोस्टर दिखा रहे सदस्यों के प्रति नाराजगी जताते हुए अध्यक्ष बिरला ने कहा कि वह सदन में पोस्टर नहीं दिखाएं और बैठक चलाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा, ‘‘पोस्टरबाजी नहीं करें। जो सदस्य पोस्टरबाजी करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई करुंगा।''

बिरला ने कहा, ‘‘नए सदन में पहले ही व्यवस्था दी जा चुकी है कि कोई भी सदस्य पोस्टर, पर्चे लेकर आएंगे या ऐसा अमर्यादित व्यवहार और आचरण करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।'' अध्यक्ष ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री इन सदस्यों के खिलाफ प्रस्ताव लेकर आएं नहीं तो ‘‘मुझे कार्रवाई करनी होगी''।

इस दौरान बिहार के समस्तीपुर से सांसद शांभवी शोर-शराबे में अपना पूरक प्रश्न नहीं पूछ सकीं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ सदस्य भी कोई मुद्दा उठाना चाह रहे थे, लेकिन अध्यक्ष बिरला ने उन्हें शून्यकाल में बोलने की अनुमति देने का आश्वासन दिया। हंगामा नहीं थमने पर बिरला ने सदन की कार्यवाही कुछ मिनट के भीतर ही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।

राज्यसभा में आरक्षण के मुद्दे पर हंगामा

राज्यसभा में सोमवार को सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कर्नाटक विधानसभा में मुसलमानों को सरकारी ठेकों में चार प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान वाला एक विधेयक पारित होने पर कड़ा विरोध जताया तथा कांग्रेस पर संविधान बदलने का प्रयास करने का आरोप लगाया जिसके कारण हुए हंगामे के चलते बैठक दस मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया। सत्ता पक्ष के सदस्यों के हंगामे के बीच नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि डॉ. बी आर आंबेडकर के बनाये संविधान को कोई भी ताकत नहीं बदल सकती है। सदन की बैठक शुरू होते ही भाजपा सदस्यों ने आरक्षण का मुद्दा उठाया और हंगामा करने लगे।

हंगामे के बीच ही संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि जो लोग संविधान के रक्षक होने का दावा करते हैं, वे लोग संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर बैठे एक कांग्रेस नेता ने कहा है कि आरक्षण के मुद्दे पर जरूरत पड़ी तो संविधान में बदलाव किया जाएगा। उन्होंने यद्यपि किसी का नाम नहीं लिया किंतु माना जाता है कि उनका संकेत कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार की ओर था।

रीजीजू ने कहा कि यह बयान किसी सामान्य व्यक्ति ने नहीं बल्कि ऐसे व्यक्ति ने दिया है जो संवैधानिक पद पर बैठा है। उन्होंने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है तथा संविधान बदल कर धर्म आधारित आरक्षण दिये जाने को ‘बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।'

सदन के नेता एवं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि बहुत दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि जो लोग खुद को संविधान का रक्षक बताते हैं, उनकी सोच बिल्कुल उनके दावे के विपरीत है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक विधानसभा में मुसलमानों को सरकारी ठेकों में चार फीसदी आरक्षण देने के प्रावधान वाला एक विधेयक पारित हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘इतना ही नहीं, वहां के उप मुख्यमंत्री ने बयान दिया है कि अगर जरूरत पड़ी तो संविधान में बदलाव किया जाएगा।'' संसदीय कार्य मंत्री रीजीजू ने कहा कि कांग्रेस नेता संविधान की पुस्तक साथ लेकर चलते हैं किंतु हर काम इसे नीचा दिखाने के लिए करते हैं।

सभापति जगदीप धनखड़ ने जब उनसे पूछा कि वह और उनकी पार्टी आखिर चाहती क्या है तो रीजीजू ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष, जो सदन में नेता प्रतिपक्ष भी हैं, को उनकी पार्टी का इस मुद्दे पर रुख स्पष्ट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि खरगे को देश को यह भी बताना चाहिए कि कांग्रेस संविधान बदलकर मुस्लिमों को आरक्षण क्यों देना चाहती है? नड्डा ने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर ने धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध किया था।

रीजीजू ने कहा कि ये (कांग्रेस) लोग बाबा साहेब आंबेडकर की तस्वीर रखकर केवल दिखावा करते हैं और उनके आदर्शों को नहीं मानते। सदन के नेता एवं भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस संविधान को तार-तार करना चाहती है।

उन्होंने कहा कि आंबेडकर ने संविधान बनाते समय स्पष्ट तौर पर कहा था कि आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं होगा और यही भारतीय संविधान का स्वीकार्य सिद्धान्त है। धनखड़ ने रीजीजू को निर्देश दिया कि उन्होंने जो बयान दिया है, उसकी पुष्टि करने के लिए वह सदन के पटल पर संबंधित दस्तावेज भी रखें।

इसके जवाब में रीजीजू ने कहा कि वह यह करने के लिए तैयार हैं। इसके बाद सभापति ने जब खरगे को बोलने का अवसर दिया तो उन्होंने कहा, ‘‘आंबेडकर के बनाये संविधान को कोई नहीं बदल सकता।''

उन्होंने कहा ‘‘हम संविधान की रक्षा करने वाले लोग हैं। हम वो लोग हैं जिन्होंने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाली और ये वो लोग हैं जो भारत तोड़ो में विश्वास रखते हैं।'' खरगे कुछ और कहना चाह रहे थे किंतु इसी बीच सभापति धनखड़ ने 11 बजकर 10 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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