पंचायत ने भूमि अधिग्रहण से मिले 25 करोड़ हड़पे, कार्रवाई के आदेश
गुरुग्राम, 5 नवंबर (हप्र)
गुरुग्राम के सीमावर्ती मेवात जिले के गांव रोजका मेव पंचायत में भूमि अधिग्रहण का 25 करोड़ रुपया गायब हो गया है। उपायुक्त की जांच पड़ताल में यह खुलासा हुआ है की निर्वाचित दो पंचायतें इस पैसे को हड़प गई है। एक व्यक्ति ने ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में पिछले माह मंत्री के सम्मुख इस बारे में एक शिकायत दी थी और खुलासा किया था कि उन्होंने आरटीआई से भी इसकी जानकारी लेकर पता कर लिया है कि वर्ष 2016 में ग्राम पंचायत को एचएसआईआईडीसी से जमीन अधिग्रहण के बदले 24 करोड़ 27 लाख 90 हजार 726 की राशि प्राप्त हुई थी, जिसे डकार लिया गया है। नूंह के उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने जांच रिपोर्ट आने के बाद इस सारे मामले में कार्रवाई का आदेश दिया है।
तत्कालीन सरपंच ने एचएसआईडीसी के अधिकारियों के साथ मिलकर अपने जिले से बाहर गुरुग्राम जिले के गांव झाड़सा में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में ग्राम पंचायत का एक खाता खुलवाया, इसके लिए ने तो उपायुक्त की कोई अनुमति ली गई और न ब्लॉक समिति कार्यालय से। उसे समय गांव के सरपंच रमजान और उसके बाद सरपंच बनी खातूनी बेगम ने अलग-अलग लोगों को इस खाते से अदायगी की और खुद भी निजी तौर पर पैसे निकाले। गांव इंद्री खंड पंचायत अधिकारी द्वारा जांच पड़ताल में यह भी खुलासा हुआ है कि लगातार दो पंचायतें इस मामले में पैसे खाने की दोषी हैं।
जब उनसे कई बार पत्राचार किया गया तो रिकॉर्ड गायब कर दिया गया। खुद पंचायत अधिकारी ने कहा कि उनके संज्ञान में नहीं है कि मेवात के पंचायत का खाता गुरुग्राम जिले के गांव में खुलवाया गया है।
पंचायत अधिकारियों ने यह भी खुलासा किया है कि गबन की धनराशि की रकम बढ़ सकती है, क्योंकि एचएसआईडीसी द्वारा समय पर सभी किसानों की तरह ग्राम पंचायत को भी मुआवजे की राशि बढ़ा कर दी गई थी और रॉयल्टी के रूप में जो अतिरिक्त पैसा मिला है, ग्राम पंचायत रिकॉर्ड से उसका कोई हिसाब किताब नहीं मिल रहा है।
सरपंच को किया निलंबित
उपायुक्त कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया है कि इस मामले में एचएसआईआईडीसी, बैंक, पंचायत अधिकारी ग्राम पंचायत है और कुछ अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। फिलहाल जिला प्रशासन जब हरकत में आया तो मौजूदा सरपंच दीन मोहम्मद को तो तुरंत ही निलंबित कर दिया गया है। यह गांव उन पांच गांवों में शामिल है जो दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा गोद लिए गए थे।