Panchang 28 December 2024: न्याय के देवता हैं शनिदेव, जानें साढ़ेसाती में क्या करें और क्या नहीं
Panchang 28 December 2024: शनिदेव न्यायाधीश की भांति मनुष्य के कर्मों का फैसला करते हैं। साढ़ेसाती के दौरान शनिदेव व्यक्ति को निखारकर एक सुंदर बर्तन की तरह तैयार करते हैं। हालांकि, समाज में शनि को लेकर नकारात्मक धारणा है, क्योंकि इसे ज्योतिष में अशुभ ग्रह माना गया है। साढ़ेसाती का नाम सुनकर लोग घबरा जाते हैं और अपने कष्टों का दोष शनिदेव पर डालते हैं।
ज्योतिर्विद अनिल शास्त्री के अनुसार वास्तव में, शनि मनुष्य को संकटों से तपाकर शुद्ध और कर्मशील बनाते हैं। साढ़ेसाती का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली में शनि की स्थिति पर निर्भर करता है। यदि शनि बलवान और शुभ स्थान पर हो, तो व्यक्ति को उन्नति, संपत्ति, और सफलता प्राप्त होती है। इसके विपरीत, निर्बल या नीच राशि में शनि कुपित होकर कष्ट और बाधाएं देते हैं।
तुला राशि में शनि उच्च और मेष में नीच माने जाते हैं। अशुभ शनि वाले व्यक्तियों को अपने कर्म सुधारने और उपाय करने चाहिए। ईमानदारी और निष्ठा से किए गए कार्यों से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और अंततः व्यक्ति को पुरस्कृत करते हैं। जिनकी कुंडली में शनि बलवान हो, वे न्याय से जुड़े करियर जैसे वकालत या न्यायाधीश के पद पर सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
साढ़ेसाती में क्या न करें
ज्योतिर्विद अनिल शास्त्री के मुताबिक शनि की साढ़ेसाती के दौरान व्यक्ति को जोखिम भरे कामों और तर्क-वितर्क से बचना चाहिए। वाहन चलाते समय सतर्क रहें और झूठ, धोखा, चोरी, और गलत तरीकों से धन कमाने जैसी आदतें छोड़ें। क्रोध और लालच पर नियंत्रण रखें और बासी भोजन से परहेज करें। शनि की साढ़ेसाती में रात को अकेले यात्रा, मांस-मदिरा सेवन, और शनिवार व मंगलवार को काले कपड़े खरीदने से बचना चाहिए।
साढ़ेसाती के उपाय
ज्योतिर्विद अनिल शास्त्री के मुताबिक साढ़ेसाती के उपायों में शनिवार को शनि देव की पूजा, हनुमान चालीसा का पाठ, और गरीबों को भोजन व वस्त्र दान करना शामिल है। ज्योतिषीय सलाह से नीलम धारण कर सकते हैं। हर दिन शनि स्तोत्र का पाठ और सूर्योदय-सूर्यास्त के समय ध्यान करना लाभकारी होता है। शनिवार को काले वस्त्र और तेल दान करना भी राहत देता है। जरूरतमंदों और जानवरों की सेवा से शनिदेव प्रसन्न होते हैं, और साढ़ेसाती के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
Panchang 28 December 2024
राष्ट्रीय मिति पौष 07, शक संवत 1946,
पौष कृष्ण त्रयोदशी, शनिवार, विक्रम संवत 2081
सौर मास पौष मास प्रविष्टे 14
अंग्रेजी तारीख 28 दिसंबर 2024 ई॰
सूर्य स्थिति उत्तरायण, दक्षिण गोल, शिशिर ऋतु
राहुकाल प्रातः 9:00 10:30
त्रयोदशी तिथि अर्धरात्रोत्तर 3:33 तक
चतुर्दशी तिथि आरंभ 3:33 के बाद
अनुराधा नक्षत्र रात्रि 10:13 तक
ज्येष्ठा नक्षत्र रात्रि 10:13 के बाद
शूल योग रात्रि 10:23 तक
गण्ड योग आरंभ रात्रि 10:23 के बाद
विजय मुहूर्त दोपहर 2:13 2:55
निशिथ काल रात 12:02 12:56
गोधूलि बेला शाम 5:40 6:07
अमृत काल सुबह 8:30 9:47
गर करण अपराह्न 3:00 तक
विष्टि करण आरंभ अपराह्न 3:00 के बाद
चंद्रमा दिन रात वृश्चिक राशि में संचार करेगा
आज की जीवन मंत्र
झुकना, विनम्रता एवं मौन की पहचान है, लेकिन आत्मसम्मान खोकर खुद को खोने के समान है।
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।