शिकवे से नई सोच
एक बार न्यूयार्क के एक पारंपरिक रेस्तरां में एक ग्राहक ने नुक्ताचीनी करके माहौल गर्मा दिया। वह ग्राहक तले हुए आलू को लेकर बार-बार शिकायत कर रहा था। आर्डर वापस करते हुए उस ग्राहक का तर्क था कि यह आलू न तो तरीके से तले गये हैं और न ही खाने योग्य हैं। झल्ला कर सीनियर शेफ जार्ज क्रुम ने यह जिम्मेदारी ली। उन्होंने लौटाये गये आलू बारीक काटकर कागज जैसे पतले किये उनको दोबारा तल दिया। उस पर मसाला-नमक छिड़क कर परोसा तो ग्राहक को बेहद पसंद आया। उस ग्राहक ने यह दोबारा खाने की इच्छा जाहिर की। इस पर पूरे रेस्तरां ने दूसरी बार तले गये पतले आलू चखे। जार्ज क्रुम ने अपनी पुस्तक में इस घटना का जिक्र किया है कि सन अठारह सौ तिरेपन की वह शाम आलू के चिप्स का आविष्कार करने वाली महत्वपूर्ण घड़ी थी। आज सारी दुनिया में रोजाना बीस करोड़ से अधिक पैकेट आलू के चिप्स के ही खरीदकर खाये जाते हैं।
प्रस्तुति : मुग्धा पांडे