Panchang 17 january 2025: संकट चतुर्थी व्रत आज, करें गणेश जी की पूजा, मिलेगा शुभ फल
चंडीगढ़, 17 जनवरी (ट्रिन्यू)
Panchang 17 january 2025: आज श्री गणेश संकट चतुर्थी है। शास्त्रों में परमात्मा के तीन रूप—ब्रह्मा, विष्णु, महेश को ब्रह्म का स्वरूप बताया गया है। इसी प्रकार, श्रीगणेश जी को भी ब्रह्म स्वरूप माना गया है। उनकी विशेषताएं उन्हें जगत में प्रथम पूज्य बनाती हैं।
पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक श्रीगणेश को संकटहरण कहा जाता है, क्योंकि उनकी पूजा से कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा और व्रत रखने से इच्छाओं की पूर्ति होती है। इस दिन तिल के लड्डुओं का भोग और तिल दान का विशेष महत्व है।
गणेश रुद्राक्ष का संबंध विघ्न-विनाशक गणपति से है। इसे धारण करने से बुध की कृपा मिलती है, स्मरण शक्ति और अध्ययन में एकाग्रता बढ़ती है। यह विद्यार्थियों और लेखकों के लिए विशेष लाभकारी है। गणेश रुद्राक्ष संतान प्राप्ति, विवाह में बाधा दूर करने और जीवन में सफलता पाने के लिए प्रभावी माना जाता है। इसे गाय के दूध और गंगाजल से शुद्ध कर पूजन के बाद हरे धागे में धारण करना चाहिए। तुर्थी पर इसे धारण करना अत्यधिक शुभ फलदायी होता है। गणपति की आराधना से सुख-समृद्धि और विघ्नों का नाश होता है।
Panchang 17 january 2025: विवरण तिथि/समय
राष्ट्रीय मिति पौष 27, शक संवत 1946
अंग्रेजी तारीख 17 जनवरी 2025
विक्रम संवत 2081
सौर माघ मास प्रविष्टे 04
सूर्य स्थिति उत्तरायण, दक्षिण गोल, शिशिर ऋतु
राहुकाल 10:30 पूर्वाह्न 12:00 अपराह्न
चतुर्थी तिथि अगले दिन सुबह 05:31 तक
पंचमी तिथि का आरंभ सुबह 05:31 उपरांत
मघा नक्षत्र दोपहर 12:45 तक
पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र दोपहर 12:45 उपरांत
सौभाग्य योग अर्धरात्रि 12:57 तक
शोभन योग अर्धरात्रि 12:57 उपरांत
बव करण सायं 04:49 तक
कौलव करण सायं 04:49 उपरांत
विजय मुहूर्त दोपहर 02:24 03:06
निशिथ काल मध्यरात्रि 12:10 01:04
गोधूलि बेला शाम 05:54 06:21
चंद्रोदय का समय रात 09:09
चंद्र राशि सिंह राशि
विशेष व्रत श्री गणेश संकट चतुर्थी, गौरी वक्रतुण्ड चतुर्थी
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।