मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
रोहतककरनालगुरुग्रामआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

विरोध-प्रतिरोध की विसंगति

07:24 AM Jan 01, 2024 IST
Advertisement

लोकतांत्रिक मूल्य

संसदीय परंपराओं में पक्ष-विपक्ष की भूमिका निभाने का हमारे सांसदों को पर्याप्त अनुभव है। जिसमें विपक्ष की आलोचना व ध्यानाकर्षण के प्रस्तावों को पूरा सम्मान मिलता रहा है। लेकिन संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे को उठाने वाले विपक्षी सांसदों का बड़ी तादाद में निलंबन स्वस्थ लोकतंत्र के लिए वाजिब ठहराना मुश्किल है। आज भले ही जन प्रतिनिधियों के व्यवहार में तीखापन नज़र आ रहा है। लेकिन आने वाले दिनों में सांसदों की सुरक्षा और निलंबन पर पुनर्विचार करने की ज़रूरत है। ताकी लोकतंत्र में संसदीय गरिमा बरकरार रहे।
देवी दयाल दिसोदिया, फरीदाबाद

बाकी हैं सवाल

संसद में हुई सुरक्षा चूक मुद्दे पर विपक्ष और सत्तापक्ष, दोनों ने अविवेकपूर्ण और अपरिपक्व व्यवहार से संसद की गरिमा को गहरी ठेस पहुंचाई है। विपक्ष मुद्दे को सरकार को घेरने के अवसर में बदलने के फेर में विरोध प्रदर्शन और अनुचित व्यवहार के अंतर को भूल गया। सत्तापक्ष ने गृहमंत्री के बयान की विपक्षी मांग को ठुकरा कर अनावश्यक गतिरोध को आमंत्रित कर लिया। फिर संसद में जो हुआ, अच्छा नहीं हुआ। विरोध-प्रतिरोध की इस दौड़ में कुछ महत्वपूर्ण विमर्श से दोनों ही पक्ष चूक गए। क्या संसद के सुरक्षाचक्र को तोड़ कर ऐसा दुस्साहस सामान्य लोग कर सकते हैं? तय हो कि सांसदों की अनुशंसा पर पास हासिल करने से पहले आवेदक को किन जांचों से गुजारा जाए?
ईश्वर चन्द गर्ग, कैथल

Advertisement

सदन की गरिमा

संसद की सुरक्षा में चूक होने पर दोनों सदनों में सत्ता और विपक्षी सांसदों में जोरदार हंगामा हुआ। स्वस्थ लोकतंत्र के लिए यह तर्कसंगत नहीं है। सत्तापक्ष और विपक्ष को जनप्रतिनिधि संस्थाओं में सक्रिय भूमिका निभाने के साथ-साथ सदन की गरिमा को बनाये रखना चाहिए। ताकि जन-भावनाओं पर खरा उतरा जा सके। जनप्रतिनिधि संस्थाओं में विरोध-प्रतिरोध की विसंगतियों को दूर करना और सदन में नियम कानून बनाने में बहस और सहयोग करना चाहिए।
जयभगवान भारद्वाज, नाहड़

तार्किक निर्णय

नये संसद भवन में सुरक्षा में गंभीर चूक हुई है। ऐसी परिस्थिति में विपक्षी सांसदों ने अपना संयम खो दिया और गृह मंत्री से बयान की मांग की, जबकि ऐसी घटना की जांच के आदेश हो गए थे। सवाल उठता है कि जब कुछ रिपोर्ट आती तभी तो गृहमंत्री कुछ बोल सकते थे लेकिन विपक्षी सांसदों का ऐसा अधैर्य व आक्रामक रुख उनकी गरिमा के खिलाफ था। इसे बेरोजगारी से जोड़ना इस घटना को जायज बता रहा था। इतने हो-हल्ले के बाद सांसदों का निलंबन ही एकमात्र निर्णय उचित लगता है।
भगवानदास छारिया, इंदौर

आपसी तालमेल जरूरी

संसद के शीतकाल अधिवेशन में संसद की सुरक्षा चूक के मामले को लेकर विपक्षी दल गृहमंत्री, अमित शाह द्वारा बयान दिए जाने को लेकर रोष प्रकट करने के विभिन्न तरीके अपनाने लगे। कोई भी सरकार अपने खिलाफ कोई बात नहीं सुनना चाहती, जबकि विपक्ष का काम सरकारी कमियों को उजागर करके जनकल्याण तथा संसद को ठीक चलाना होता है। संसद में विरोध-प्रतिरोध चलता रहता है। लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पहली शर्त है। लेकिन सत्तापक्ष तथा विपक्ष को सदन की मर्यादा तथा आपसी तालमेल द्वारा सदन को जनहित की दृष्टि से चलाना चाहिए।
शामलाल कौशल, रोहतक

मर्यादा आवश्यक

कुछ दिन पहले संपन्न हुए शीतकालीन सत्र के दौरान हुई सुरक्षा में चूक की घटना के बारे सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच जो टकराव हुआ, उसे एक स्वस्थ लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुरूप हरगिज नहीं कहा जा सकता। इतनी बड़ी संख्या में सांसदों का निलंबन तार्किकता से परे है। वहीं विपक्षी सांसदों का व्यवहार समझ से परे है। जनता अपने प्रतिनिधियों को एक सार्थक व मर्यादित विचार विमर्श कर कानून बनाने के लिए चुनती है। अतः जरूरी है कि सभी जनप्रतिनिधि उचित मर्यादा व संविधान के दायरे में रहकर काम करें।
सतीश शर्मा माजरा, कैथल

पुरस्कृत पत्र
गरिमापूर्ण हो विरोध

सदन चर्चा, विमर्श और सहयोग से लोककल्याण में आये गतिरोधों के निवारण के लिए है न कि अहंकार या प्रतिष्ठा की लड़ाई के लिए। जब सदन में ही गतिरोध रहेगा तो लोकतंत्र कैसे चलेगा? विरोध विपक्ष का हक़ है मगर इस जिम्मेदारी के साथ कि विरोध गरिमापूर्ण हो और संवाद जारी रहे। सत्तापक्ष को सरकार और सदन चलाने का अधिकार निरंकुश न होने, किसी की आवाज न दबाने की जिम्मेदारी के साथ मिला है। पक्ष-विपक्ष का समाज के निचले पायदान तक पहुंचने का दावा बेमानी है अगर वो सदन के ही हर सदस्य तक न पहुंच सके। लोकतंत्र और सदन की गरिमा के लिए सभी पक्षों को विरोध-प्रतिरोध में संतुलन बना कर गतिरोध से बचना चाहिए।
बृजेश माथुर, गाजियाबाद, उ.प्र.

Advertisement
Advertisement