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पेशेवर संभावनाओं का खुला आकाश

09:41 AM Jul 11, 2024 IST
पेशेवर संभावनाओं का खुला आकाश
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राजेंद्र कुमार शर्मा
कृषि क्षेत्र कभी संकुचित नहीं होगा। देश में बढ़ती जनसंख्या के साथ भोजन की मांग भी बढ़ती जा रही है और भोजन का कच्चा माल प्रदान करने वाला सबसे बड़ा व्यवसाय कृषि है। बड़ी कंपनियों के कृषि क्षेत्र में प्रवेश करने से युवाओं में कृषि व्यवसाय में कैरियर को लेकर उत्साह बढ़ा है। कृषि क्षेत्र में, कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किए जा रहे नए-नए शोध और आविष्कारों से इस क्षेत्र में एक क्रांति आ गई है। संकर बीजों और संकर नस्लों के चलते पैदावार और गुणवत्ता में कई गुणा वृद्धि हुई है। कृषि अनुसंधान संस्थानों में डिजीज रेजिस्टेंट, मौसम उपयुक्त, भरपूर पोषक तत्वों और उच्च गुणवत्ता वाली किस्मों को तैयार कर रहे हैं।

कृषि के क्षेत्र में उपलब्ध रोजगार

कृषि क्षेत्र कैरियर की दृष्टि से उन्नत क्षेत्र है बशर्ते आपका इस क्षेत्र के प्रति शौक हो और आगे बढ़ने की चाह हो। कृषि के क्षेत्र में कई उपक्षेत्रों में शानदार कैरियर बनाया जा सकता है जैसे एग्रीकल्चर इंजीनियर, कृषि अर्थशास्त्री, फार्म मैनेजर, प्लांट एवं सॉइल साइंटिस्ट, कमर्शियल हार्टिकल्चरिस्ट, एग्रीकल्चरल सेल्सपर्सन, वेयरहाउस प्रबंधक आदि। इसके अलावा भी कृषि क्षेत्र में ही बागवानी में हाल के वर्षों में बहुत तेजी से विकास हुआ है। वहीं कृषि विज्ञान के क्षेत्र में कृषि अर्थशास्त्रियों के शोधों-अध्ययनों को विशेष स्थान मिला है।

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कृषि संस्थानों में प्रवेश

एग्रीकल्चरल साइंस या इंजीनियरिंग के कोर्सेज में दाखिले के लिए प्रायः प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। कुछ राज्य इंजीनियरिंग, मेडिकल और एग्रीकल्चर कोर्सेज में प्रवेश के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट आयोजित करते हैं। वहीं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अखिल भारतीय स्तर पर प्रवेश परीक्षा आयोजित करती है जिसमें प्राप्तांक के आधार पर प्रवेश दिए जाते हैं।

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कृषि पाठ्यक्रमों का ब्योरा

कृषि संबंधित पाठ्यक्रम जैसे स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा, डॉक्टरेट आदि देश के विश्वविद्यालयों में उपलब्ध हैं। वहीं कुछ अल्पकालिक सर्टिफिकेट कोर्स, जो उम्मीदवारों को उनकी रोजगार क्षमता में सुधार करने में मदद करते हैं, भी उपलब्ध हैं।
सर्टिफिकेट कोर्स (अवधि 3 माह से 1 वर्ष) : फसल उत्पादन, कृषि अर्थशास्त्र, कृषि इंजीनियरिंग, प्लांट पैथोलॉजी, एंटोमोलॉजी, मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विज्ञान, पशुधन उत्पादन, प्लांट ब्रीडिंग और जेनेटिक्स आदि में कई सर्टिफिकेट कोर्स उपलब्ध हैं। पात्रता : किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा दसवीं या बारहवीं उत्तीर्ण। डिप्लोमा (1 या 2 वर्ष) : खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी प्रौद्योगिकी व खाद्य प्रसंस्करण आदि में डिप्लोमा उपलब्ध है। पात्रता : विज्ञान विषयों के साथ बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण। स्नातक पाठ्यक्रम (3 से 4 वर्ष) : बीए, बीएससी, बीटेक, बीवोक (वोकेशनल) पात्रता : विज्ञान विषयों के साथ बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण। स्नातकोत्तर (अवधि 2 वर्ष) : स्नातक के बाद कृषि में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम हैं एम.एससी, एमबीए, एम.टेक, पीएचडी आदि। पात्रता : कृषि संबंधित विषयों में स्नातक उत्तीर्ण।
डॉक्टरेट (न्यूनतम 3 वर्ष) : स्नातकोत्तर और चार वर्षीय स्नातक की डिग्री के बाद कृषि पाठ्यक्रमों जैसे कृषि विज्ञान, कृषि अर्थशास्त्र, कृषि मौसम विज्ञान, कृषि सूक्ष्म जीव विज्ञान, कृषि सांख्यिकी, कृषि विस्तार, कृषि कीट विज्ञान आदि में पीएचडी कर सकते हैं। पात्रता : कृषि संबंधित विषयों में स्नातकोत्तर उत्तीर्ण। वर्तमान चार वर्षीय स्नातक डिग्री धारकों को भी पीएचडी करने के अवसर प्रदान किए गए हैं।

देश के प्रमुख कृषि विश्वविद्यालय

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) 2023 के अनुसार, देश के 10 प्रमुख कृषि विश्वविद्यालय ये हैं : भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली, राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयंबटूर, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर उत्तर प्रदेश, केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मत्स्य पालन विश्वविद्यालय, मुंबई, जी.बी. पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर उत्तराखंड, शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कश्मीर और चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार।

औसत वार्षिक वेतन

एक अध्ययन के अनुसार, कृषि क्षेत्र में लगभग 4 से 5 लाख कृषि पेशेवर कार्य कर रहे हैं और औसतन इतने ही कृषि पेशेवरों की ओर जरूरत है। यह क्षेत्र वेतनमान की दृष्टि से एक अच्छा कैरियर विकल्प है। इस क्षेत्र में औसतन वार्षिक वेतन 4 लाख से लेकर 7 या 8 लाख तक हो सकता है। वेतन विशेषज्ञता और अनुभव पर आधारित रहता है। कृषि वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं के लिए कृषि के क्षेत्र में एक उज्जवल भविष्य है। विदेशों में भी भारतीय कृषि विशेषज्ञों की मांग है।

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