OP Choutala : Haryana : ओपी चौटाला का जींद जिले से रहा गहरा राजनीतिक जुड़ाव और रिश्ता
जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 20 दिसंबर
पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला का जींद जिले के साथ उनके गृह जिले सिरसा से भी ज्यादा गहरा राजनीति जुड़ाव रहा। जींद के नरवाना और उचाना हलके से विधायक रहे ओमप्रकाश चौटाला जींद को अपनी राजनीतिक कर्म भूमि मानते थे। शुक्रवार को उनके निधन से जींद जिले में बड़ी संख्या में उनके समर्थक सन्न रह गए।
यूं तो ओमप्रकाश चौटाला जींद में राजनीतिक रूप से 1977 में चौधरी देवीलाल के पहली बार प्रदेश का सीएम बनने के साथ ही सक्रिय हो गए थे, लेकिन जींद के साथ उनका सीधा राजनीतिक जुड़ाव और मजबूत रिश्ता 1993 में हुआ, जब उन्होंने चुनाव नरवाना से उपचुनाव लड़ा। 1993 के नरवाना उपचुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रणदीप सुरजेवाला को लगभग 19000 मतों के अंतर से पराजित किया था। यहीं से उन्होंने जींद में अपना चुनावी राजनीतिक सफर शुरू किया, जो बहुत लंबा चला। 1996 में वह नरवाना से दूसरी बार चुनाव लड़े थे और कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला से चुनाव हार गए थे। फरवरी 2000 में सीएम रहते उन्होंने लगातार तीसरी बार नरवाना से चुनाव लड़ा और इसमें उन्होंने कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला को पराजित किया। वह लगभग 5 साल प्रदेश के सीएम रहे और विधानसभा में उन्होंने नरवाना का प्रतिनिधित्व किया। फरवरी 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश चौटाला नरवाना से फिर चुनावी दंगल में उतरे थे और कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला से लगभग 2100 मतों के अंतर से सीएम होते हुए चुनाव हार गए थे। सीएम रहते जींद जिले के नरवाना विधानसभा क्षेत्र से अपनी हार के बावजूद उन्होंने जींद जिले से अपना राजनीतिक नाता नहीं तोड़ा। 2009 में उन्होंने नरवाना विधानसभा क्षेत्र के आरक्षित हो जाने के बाद उचाना से चुनाव लड़ा और तत्कालीन वित्त मंत्री बीरेंद्र सिंह को पराजित किया। यह उनका आखिरी विधानसभा चुनाव भी साबित हुआ। उसके बाद जेबीटी भर्ती मामले में अदालत से सजा होने के बाद वह चुनाव नहीं लड़ पाए।
... जब जीती थी पांचाें सीटें
पूर्व सीएम इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला भले ही मूल रूप से सिरसा जिले के थे, लेकिन राजनीतिक रूप से उनकी जड़ें जींद में सिरसा से भी कहीं ज्यादा गहरी रही। 2009 के विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश चौटाला की इनेलो को जींद जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर शानदार जीत हासिल हुई थी। महम उपचुनाव में हुई हिंसा के बाद ओमप्रकाश चौटाला को जब राजनीतिक दाग धोने की जरूरत पड़ी थी, तो उन्होंने इसके लिए जींद की धरती को चुना था। जींद के लोगों ने उन्हें उसे बुरे राजनीतिक दौर में भी मायूस नहीं किया था और उन्हें सिर आंखों पर बैठा लिया था। यही कारण था कि ओमप्रकाश चौटाला जींद को बहुत मानते थे।