अवैध धर्मस्थल हटवाने के लिए प्रशासन को एक सप्ताह का अल्टीमेटम
अम्बाला शहर, 4 नवंबर (हप्र)
आज अंबाला जिला के विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल एवं हिंदू संगठनों के लोग सेक्टर-7 अम्बाला शहर के नजदीक गैरकानूनी तरीके से कब्जा करके बनाए गए पीर को हटाने के लिए उपायुत पार्थ गुप्ता को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें चेतावनी दी कि गैरकानूनी तरीके से कब्जा कर बनाए गए स्थान का जिस प्रकार से कुछ अधिकारी नाजायज संरक्षण कर रहे हैं, उसको देखते हुए यदि एक हफ्ते में 12 नवंबर, 2024 तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो विश्व हिंदू परिषद सारे हिंदू समाज को इकट्ठा करके सत्याग्रह का मार्ग चुनते हुए सड़क पर उतरेगा।
उपायुक्त कार्यालय में विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल की ओर से महेंद्र शर्मा संगठन मंत्री अंबाला जिला, यश कुमार वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सचदेवा, अशोक कक्कर, आनंद प्रकाश, राकेश खन्ना, सतीश शर्मा, मोहित आहलुवालिया, रमन सैनी, संजू सहित अन्य वरिष्ठ कार्यकर्ता मौजूद रहे।
लोगों ने उपायुक्त को बताया कि अम्बाला-हिसार राज्य मार्ग पर स्थित यह पीर, जिसका गैरकानूनी तरीके से कब्जा कर विस्तार किया गया है, राज्य मार्ग पर ट्रैफिक में रुकावट के साथ स्थानीय सेक्टर-7 व आसपास के लोगों के लिए भी समस्या का कारण बना हुआ है। हिंदू सगठनों के नेताओं ने उपायुक्त को सौंपे ज्ञापन में कहा कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भी इस पीर द्वारा कब्जा की गई भूमि पर से बनी इमारत को हटाने के आदेश दिए हुए हैं। उसके बावजूद लंबे समय से इस स्थान पर प्रशासन द्वारा कोई भी बनती कार्रवाई नहीं की गई है। हिंदू संगठनों ने कहा कि गत दिनों जिस प्रकार से अंबाला जिले में कब्जे की जमीनों पर बने धार्मिक स्थान पर कार्रवाई की गई है, उसके चलते इस पीर को अधिकारियों द्वारा नाजायज तरीके से बचाए जाने के प्रयास हो रहे हैं। हिंदू संगठनों ने जिला प्रशासन को एक सप्ताह के समय में इस विषय पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए इस स्थान पर बनती कार्रवाई को करने की मांग की है।
पीडब्ल्यूडी बीएंडआर विभाग कर चुका पैमाइश
उन्होंने बताया कि इस गैरकानूनी मजार को लेकर पीडब्ल्यूडी बीएंडआर विभाग द्वारा पैमाइश की जा चुकी है और पैमाइश करने के बाद लगभग 6 से 7 बार नोटिस दिया गया है कि आप इसको अपने खर्चे पर स्वयं हटा लें अन्यथा विभाग कार्रवाई करेगा और उस दशा में खर्च भी आपसे वसूला जाएगा। इसके बावजूद यहां से अवैध कब्जा नहीं हटाया जाने से स्पष्ट है कि कुछ प्रशासनिक अधिकारी स्थान को नाजायज संरक्षण दे रहे हैं।