हरियाणा में खाली हुई राज्यसभा की एक सीट
चंडीगढ़, 10 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा में विधानसभा चुनाव परिणाम का ऐलान होने के बाद नए राजनीतिक समीकरण बनने शुरू हो गए हैं। इसराना से कृष्ण लाल पंवार के विजयी होने के साथ ही हरियाणा में राज्यसभा की एक सीट खाली हो गई है। कृष्ण लाल पंवार मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान प्रदेश के परिवहन मंत्री रह चुके हैं। विधायकों की संख्या के आधार पर खाली होने वाली यह सीट भी भाजपा के खाते में ही जाएगी।
नियमों के अनुसार, राज्यसभा सांसद के विधायक बनने के बाद सीट खाली हो जाती है। अधिकारिक तौर पर भी राज्यसभा की एक सीट खाली होने का नोटिफिकेशन कभी भी जारी हो सकता है। मई में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक से लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बाद एक सीट खाली हो गई। इस सीट पर भाजपा ने पूर्व मंत्री किरण चौधरी को राज्यसभा में भेजा। अब कृष्ण लाल पंवार की खाली हुई सीट को लेकर भी भाजपा दिग्गजों में लॉबिंग शुरू होगी। कृष्ण लाल पंवार 2 अगस्त, 2022 को राज्यसभा गए थे। उनका कार्यकाल पहली अगस्त, 2028 तक है। इस लिहाज से अब हरियाणा से जो भी सदस्य राज्य सभा में जाएगा उसका कार्यकाल चार साल के लिए मान्य होगा।
चुनाव में अंबाला नगर निगम की मेयर शक्ति रानी शर्मा कालका हलके से भाजपा की उम्मीदवार के तौर पर विधायक निर्वाचित हुईं हैं। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप चौधरी को 10 हजार 883 वोटों से पराजित किया है।
शक्ति रानी शर्मा दिसंबर-2020 में हरियाणा जनचेतना पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर अंबाला नगर निगम के मेयर पद पर प्रत्यक्ष (सीधी) निर्वाचित हुई थीं। वह बीती एक सितंबर को भाजपा में शामिल हुई और अब कालका से चुनाव जीत गई हैं। नगर निगम कानून-1994 की धारा 8ए के अनुसार प्रदेश के किसी नगर निगम के मेयर या सदस्य (जिन्हें आम भाषा में पार्षद भी कहते हैं हालांकि यह शब्द नगर निगम कानून में नहीं है) एक ही समय पर मेयर एवं सदस्य एवं साथ-साथ विधायक या सांसद नहीं रह सकता है। अगर कोई व्यक्ति नगर निगम के मेयर पद या सदस्य होते हुए प्रदेश की विधानसभा या संसद के लिए निर्वाचित हो जाता है, तो विधायक या सांसद के तौर पर निर्वाचित घोषित होने की तारीख से वह नगर निगम का मेयर या सदस्य नहीं रहेगा। 8 अक्तूबर को कालका विधायक निर्वाचित होने की तिथि से शक्ति रानी अंबाला निगम की मेयर नहीं हैं।