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विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र आज, स्पीकर व डिप्टी स्पीकर का होगा चुनाव

07:02 AM Oct 25, 2024 IST
विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र आज   स्पीकर व डिप्टी स्पीकर का होगा चुनाव
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 24 अक्तूबर
हरियाणा विधानसभा का एक दिवसीय सत्र 25 अक्तूबर को सुबह 11 बजे से शुरू होगा। इससे पहले सुबह 10 बजे पूर्व स्पीकर डॉ़ रघुबीर सिंह कादियान को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय राजभवन में प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाएंगे। इसके बाद डॉ़ कादियान ही सभी विधायकों को विधानसभा में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। नब्बे सदस्यीय विधानसभा में कुल चालीस विधायक ऐसे हैं, जो पहली बार सदन में कदम रखेंगे।
इनमें दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की पोतियां – तोशाम से श्रुति चौधरी और अटेली से आरती सिंह राव के अलावा सुनील सतपाल सांगवान और ओलंपियन विनेश फोगाट भी शामिल हैं। श्रुति चौधरी के दादा चौ़ बंसीलाल लम्बे समय तक मुख्यमंत्री रहे। इसी तरह केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह राव के दादा राव बिरेंद्र सिंह हरियाणा के दूसरे मुख्यमंत्री थे। दादरी से विधायक बने सुनील सांगवान देशभर में पहले ऐसे विधायक हैं, जो जेल अधीक्षक पद से वीआरएस लेकर राजनीति में आए। हालांकि उनके पिता सतपाल सांगवान हरियाणा के सहकारिता मंत्री रहे हैं। चौहदवीं विधानसभा में खिलाड़ी के तौर पर भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रहे संदीप सिंह पिहोवा से भाजपा के विधायक थे। इस बार ओलंपिक खिलाड़ी व कुश्ती प्लेयर विनेश फोगाट कांग्रेस टिकट पर जुलाना से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची हैं। 56 वर्षों के बाद यह पहला मौका होगा, जब आदमपुर हलके से भजनलाल परिवार से कोई विधानसभा में नहीं होगा। इस बार भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई कांग्रेस के चंद्र प्रकाश के हाथों चुनाव हार गए। ऐसे में कह सकते हैं कि 2019 की तरह इस बार भी विधानसभा में एक आईएएस (सेवानिवृत्त) अधिकारी की एंट्री हुई है। 2014 व 2019 में नांगल-चौधरी ने डॉ़ अभय सिंह यादव भाजपा विधायक बने थे। इस बार वे चुनाव हार गए। यह पहला मौका है जब सबसे कम महज तीन ही निर्दलीय विधायक बने हैं। इसमें हिसार से सावित्री जिंदल पहले भी दो बार विधायक व मंत्री रह चुकी हैं। बहादुरगढ़ से राजेश जून और गन्नौर से देवेंद्र कादियान पहली बार चुनाव जीते हैं।
आदित्य सबसे युवा, कादियान वयोवृद्ध
पंद्रहवीं विधानसभा में आदित्य सिंह सुरजेवाला सबसे युवा विधायक हैं। 25 वर्षीय आदित्य कैथल से कांग्रेस टिकट पर चुनाव जीते हैं। उनके पिता रणदीप सिंह सुरजेवाला कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद हैं। वहीं सबसे वयोवृद्ध विधायकों में पूर्व स्पीकर डॉ़ रघुबीर सिंह कादियान हैं। 80 वर्षीय डॉ़ कादियान सातवीं बार बेरी हलके से चुनाव जीते हैं। एक ही सीट से लगातार छह चुनाव जीतने का रिकार्ड उन्होंने कायम किया है। विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ के बाद स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव होगा। माना जा रहा है कि घरौंडा से जीत की हैट्रिक लगाने वाले हरविंद्र कल्याण स्पीकर बन सकते हैं। रोड़ जाति से आने वाले हरविंद्र कल्याण सुलझे हुए राजनेता हैं और वे कभी विवादों में भी नहीं रहे।
सात बार के दो विधायक : मौजूदा विधानसभा में दो विधायक ऐसे हैं, जो सातवीं बार सदन पहुंचे हैं। बेरी के डॉ़ रघुबीर सिंह कादियान के अलावा नायब सरकार में बिजली व परिवहन मंत्री अनिल विज भी सातवीं बार विधानसभा पहुंचे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा छठी बार विधानसभा पहुंचे हैं। 21 विधायक दूसरी, 14 विधायक तीसरी, चार विधायक चौथी, 5 विधायक 5वीं और एक विधायक छठी बार विधानसभा पहुंचे हैं। कादियान के अलावा छह और ऐसे विधायक हैं, जिनकी उम्र 70 साल से अधिक है। इनमें सफीदों से भाजपा के रामकुमार गौतम 78, गढ़ी-सांपला-किलोई से कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा 77, हिसार से निर्दलीय विधायक सावित्री जिंदल 74 तथा राई से भाजपा की कृष्णा गहलोत 73, इंद्री से भाजपा के रामकुमार कश्यप 71 और अंबाला कैंट से भाजपा के अनिल विज 71 वर्ष के हैं।
खलेगी अभय की कमी : लम्बे समय के बाद पहला ऐसा मौका होगा, जब इनेलो प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला सदन में नहीं होंगे। 2010 में ऐलनाबाद में हुए उपचुनाव में जीत हासिल करके वे दूसरी बार विधायक बने थे। इसके बाद उन्होंने 2014 और 2019 का विधानसभा चुनाव भी ऐलनाबाद से जीता। उन्होंने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ के समर्थन में ऐलनाबाद से इस्तीफा दे दिया था। 2021 के उपचुनाव में उन्होंने फिर से जीत हासिल की। इस बार वे कांग्रेस के भरत सिंह बेनीवाल के हाथों चुनाव हार गए। हालांकि उनके बेटे अर्जुन चौटाला रानियां से विधायक बने हैं।

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40 विधायक पहली बार रखेंगे सदन में कदम

नब्बे विधायकों में से चालीस पहली बार सदन में प्रवेश करेंगे। इनमें कालका से शक्ति रानी शर्मा, मुलाना से पूजा चौधरी, पिहोवा से मनदीप सिंह चट्ठा, गुहला से देवेंद्र हंस, कलायत से विकास सहारण, कैथल से आदित्य सुरजेवाला, असंध से योगेंद्र सिंह राणा, समालखा से मनमोहन सिंह भड़ाना, गन्नौर से देवेंद्र कादियान, खरखौदा से पवन खरखौदा, सोनीपत से निखिल मदान, अटेली से आरती सिंह राव, डबवाली से आदित्य देवीलाल चौटाला, रानियां से अर्जुन चौटाला, उचाना कलां से देवेंद्र अत्री, जुलाना से विनेश फोगाट, गोहाना से डॉ. अरविंद शर्मा, करनाल से जगमोहन आनंद व सिरसा से गोकुल सेतिया शामिल हैं। इसी तरह आदमपुर से चंद्र प्रकाश, नारनौंद से जस्सी पेटवाड़, नलवा से रणधीर पनिहार, लोहारू से राजबीर फरटिया, बाढ़डा से उमेद पातूवास, दादरी से सुनील सांगवान, बवानीखेड़ा से कपूर वाल्मीकि, महम से बलराम दांगी, बहादुरगढ़ से राजेश जून, पुंडरी से सतपाल जाम्बा, तोशाम से श्रुति चौधरी, एनआईटी से सतीश फगना, गुरुग्राम से मुकेश शर्मा, कोसली से अनिल ढहीना, बावल से डॉ. कृष्ण कुमार, नांगल-चौधरी से मंजू चौधरी, महेंद्रगढ़ से कंवर सिंह यादव, हथीन से मोहम्मद इजराइल, होडल से देवेंद्र सिंह रामरतन, पलवल से गौरव गौतम और बड़खल से धनेश अदलखा शामिल हैं।

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