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एकदा

08:08 AM Sep 24, 2024 IST
एकदा
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डेनियल की मां गरीब जरूर थी, परंतु थी बड़ी स्वाभिमानी। वह अस्पताल में नर्स का काम करती थी। अपने वेतन से अपना तथा बच्चों का गुजारा करती। वह सात्विकता और सरलता की मूर्ति थी। डेनियल स्कूल से लौटा तो उसने बताया, ‘स्कूल की ओर से उसे निर्धन छात्रों को मिलने वाले फंड से ये कपड़े तथा पाठ्य-पुस्तकें दी गई हैं।’ यह सुनते ही मां ने कहा, ‘जाओ इन सब वस्तुओं को वापस करके आओ। यह उन निर्धन छात्रों को दी जाने जानी चाहिए जो अनाथ हैं तथा जिनके मां-बाप कमाने की स्थिति में नहीं हैं। मैं बड़े आराम से अपनी मेहनत से प्राप्त वेतन से तुम्हारे कपड़ों व पाठ्य-पुस्तकों की व्यवस्था कर सकती हूं।’ डेनियल तुरंत तमाम वस्तुएं सधन्यवाद लौटा आया। डेनियल ने आगे चलकर संसार के अग्रणी कवियों में स्थान प्राप्त किया। प्रस्तुति : डॉ. जयभगवान शर्मा

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