एकदा
रॉकफेलर (1916 में अमेरिका के पहले अरबपति) अमेरिका के धनी व्यक्तियों में से एक थे। किस्सा उन दिनों का है जब उन्होंने तेल कंपनी शुरू की थी। वे कभी-कभी खुद मशीनों की देखभाल भी करते थे। एक दिन की बात है वह एक मशीन को बहुत गौर से देख रहे थे। वह मशीन तेल से भरे कनस्तरों को रांग के टांकों से बंद कर रही थी। उन्होंने गिना कि एक कनस्तर के टांके में रांग की 40 बूंदें इस्तेमाल हो रही हैं। उन्होंने फोरमैन को पूछा, क्या आपने इस बात की जांच की है कि ढक्कन बंद करने के लिए कितनी बूंदों की जरूरत है। यह सुनकर फोरमैन सकपका गए। रॉकफेलर ने फौरन इसकी जांच करवाई तो पाया कि 39 बूंदें ढक्कन को उतनी ही मजबूती से बंद कर सकती हैं जितनी 40. बस उन्होंने तत्काल आदेश दिया कि अब कनस्तर बंद करने के लिए 39 बूंदें इस्तेमाल की जाएं। साल भर बाद हिसाब लगाया गया तो सबकी आंखें खुली रह गईं। एक बूंद रांगे की बचत से कंपनी को साढ़े सात लाख डॉलर की अतिरिक्त कमाई हुई थी। प्रस्तुति : सुरेन्द्र अग्निहोत्री