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एकदा

07:20 AM Jul 15, 2024 IST

ईसा मसीह जैतून पहाड़ पर अकेले बैठे हुए थे। अचानक उनके कुछ शिष्य वहां पहुंचे। प्रश्न किया, ‘समाज में अधर्म बढ़ता जा रहा है। स्वार्थ भावना पनप रही है। संसार का भविष्य क्या होगा?’ ईसा मसीह ने कहा, ‘वास्तव में मनुष्य स्वार्थ में अंधा होता जा रहा है। इससे एक-दूसरे पर आक्रमण करने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। जगह-जगह अकाल पड़ेंगे और भूकंप आएंगे। अधर्म के पनपने से नए-नए ‘मसीह’ पैदा करने की होड़ भी बढ़ेगी। झूठे भविष्यवक्ता भ्रम फैलाते दिखाई देंगे। ऐसी स्थिति में तुम सबको सावधानीपूर्वक इन भ्रमों से दूर रहना चाहिए। जो अंत तक धीरज धरे रहेगा, अविचल रहेगा, वस्तुतः उसी का उद्धार होगा।’ ईसा ने कहा, ‘अंतिम समय में कठिन दिन आएंगे। मनुष्य स्वार्थी, लालची, डींगें हांकने वाला और अभिमानी बन जाएगा। वह असंयमी, विश्वासघाती और कृतघ्न बन जाएगा। परमेश्वर से प्रेम करना छोड़कर सुख-विलास का दास बन जाएगा। इसलिए ऐसे लोगों से दूर रहना।’ प्रस्तुति : अक्षिता तिवारी

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