मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
रोहतककरनालगुरुग्रामआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

एकदा

07:44 AM Jul 03, 2024 IST
Advertisement

रोज की तरह भजन कीर्तन के बाद संत ने वहां बैठे स्त्री-पुरुषों को संबोधित करते हुए व्यक्ति के जीवन में चरित्र की विशेषता पर विचार प्रकट किये। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि मकान निर्माण में बहुत समय लगता है लेकिन यदि उसे तोड़ना पड़े तो वह जल्दी टूट जाता है। यही बात व्यक्ति के चरित्र निर्माण के लिए सही बैठती है। चरित्र निर्माण में बहुत समय लगता है। वह अपने चरित्र के कारण ही समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। लेकिन यदि वह कोई गलत या अनैतिक कार्य करता है तो उसका चरित्र गिरने में समय नहीं लगता। जीवन में बुरे कार्य करने से पहले खूब सोच लें। ठोकर खाया व्यक्ति तो फिर भी संभल कर उठ खड़ा हो सकता है लेकिन चरित्र का गिरा व्यक्ति लोगों की निगाहों में फिर कभी नहीं उठता। प्रस्तुति : दिनेश विजयवर्गीय

Advertisement
Advertisement
Advertisement