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एकदा

07:42 AM Jun 18, 2024 IST
एकदा
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एक बार समुद्र ने नदियों से पूछा, ‘तुम सभी विशाल वृक्ष को तो प्रतिदिन अपने साथ बहाकर ले आती हो, परंतु इतने बांस जो कि तुम सबके तट पर ही पैदा होते हैं, उनको कभी नहीं लाती, इसका क्या रहस्य है? जान पड़ता है कि तुम बांस की अवहेलना करती हो।’ प्रश्न का जवाब देते हुए नदियों ने कहा, ‘देव, हम उन वृक्षों को ही उखाड़ पाती हैं जो हमारे तट पर हमारे ही जल से पोषित होकर भी कोमल नहीं बल्कि अकड़ के साथ रहते हैं। इसलिए हम उनको निर्मल कर देती हैं। मगर बांस के साथ ऐसा नहीं होता। वह तो हमारे प्रवाह को देखकर ही नतमस्तक होकर हमारा अभिवादन करता है। हम उसका बाल भी बांका नहीं कर पाती। बांस अपनी विनम्रता से हमारे वेग को संभाल लेता है।’ प्रस्तुति : मुग्धा पांडे

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