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एकदा

07:51 AM Jun 07, 2024 IST
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विदर्भ में जन्मे आधुनिक संत गाडगे बाबा का नाम आज भी सम्मान से लिया जाता है। उनका पूरा नाम डेबूजी झिंगराजी जनोरकर था। बहुत ही गरीब परिस्थितियों में जन्मे गाडगे बाबा ने तन-मन से समाज को जागरूक किया। वह शायद पहले ऐसे संत होंगे जो सुबह उठते ही गांव के मंदिर तथा उसके प्रांगण को झाड़ू से साफ करते थे। शाम होते ही कीर्तन के माध्यम से समाज में फैली अंधश्रद्धा के प्रति लोगों को जागरूक करते थे। उनकी दी गयी शिक्षा सराहनीय रही है। उस जमाने में वह सदा ही कहते थे कि भगवान मंदिर में नहीं बल्कि हम सबके अंतःस्थल में रहते हैं। वह कभी मंदिर में अनुष्ठान के पक्षधर नहीं थे। अपने हर प्रवचन में अनुशासन से संचालित जीवन की पैरवी किया करते थे। उन्होंने लोगों को शिक्षा का महत्व समझाया था। प्रस्तुति : पूनम पांडे

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