एकदा
वैसे तो हेनरी फोर्ड एक बेहद अमीर व्यक्ति थे। लेकिन उनके जीवन में बेहद सहजता थी। एक पुराना कोट वे अक्सर पहने रहते थे। सचिव ने बेहद आदर के साथ उनसे कहा, ‘आपका कोट अब बहुत पुराना हो गया है। इसे बदलकर नया कोट ले लीजिए।’ फोर्ड ने हंसते हुए कहा, ‘नये कोट का क्या करना। इसी की सिलाई करवा लेते हैं।’ सेक्रेटरी ने कहा, ‘आप बहुत सम्मानित व्यक्ति हैं। लोग आपको पुराने कोट में देखकर नकारात्मक प्रतिक्रिया करेंगे।’ इस पर फोर्ड ने कहा, ‘अमेरिका में सभी लोग जानते हैं कि मैं हेनरी हूं।’ यह तर्क सुनकर सेक्रेटरी चुप हो गया। लेकिन उसने तय किया कि वह अवसर देखकर कोट को बदलवा लेगा। कुछ दिनों बाद सचिव को मौका मिला। दरअसल, फोर्ड को ब्रिटेन जाना था। मौका पाकर सेक्रेटरी ने कहा, ‘सर अमेरिका में तो आपको सब लोग जानते हैं। लेकिन अब जब आप ब्रिटेन जा रहे हैं तो आपको यह कोट बदल लेना चाहिए।’ फोर्ड ने जवाब दिया, ‘विदेश में कौन जानता है कि मैं फोर्ड हूं। ऐसे में कोट बदलने की क्या जरूरत है?’ निश्चित रूप से यह हेनरी फोर्ड की मितव्ययिता और सादगी का अनुकरणीय उदाहरण है। प्रस्तुति : डॉ. मधुसूदन शर्मा