एकदा
बुंदेलखंड राज्य के राजा के मंत्री सदानंद ने कठिन श्रम करके महाराज की इच्छा का पालन करते हुए मुगल सेना के सैन्य बल पर एक रिपोर्ट गुप्तचरों की सूचना का विश्लेषण कर तैयार की थी। वह बहुत थक गये थे उस दिन। उन्हें सवेरे ही राजा के सम्मुख एक रिपोर्ट रखनी थी। आधी रात तक जागते वह अपने सहायक से रिपोर्ट लिखवाते रहे थे। रिपोर्ट पूरी करके हुए वह उठ कर अपने शयनकक्ष की ओर जाने लगे थे। इसी समय उसका सहायक भी उठा किन्तु सहायक की असावधानी से दीपक को धक्का लग गया। दीपक गिर पड़ा सब कागज तेल में भीग गये और उसमें आग लग गयी। सहायक का तो मुख ही सूख गया, काटो तो खून नहीं। मंत्री महोदय लौट पड़े। उन्होंने धीरे से कहा, यह संयोग की बात। तुम्हारा कोई अपराध तो है नहीं। बैठो, हम दोनों फिर से उस रिपोर्ट को तैयार कर लेंगे। अपने आसन पर वे बैठ गये और कागजों को संभालकर रिपोर्ट लिखवाना आरम्भ कर दिया। प्रस्तुति : अंजु अग्निहोत्री