मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

एकदा

08:34 AM Dec 25, 2023 IST

एक बार एक किसान ने अपने पड़ोसी को भला-बुरा कह दिया, पर जब बाद में उसे अपनी गलती का अहसास हुआ तो वह एक संत के पास गया। उसने संत से अपने शब्द वापस लेने का उपाय पूछा। संत ने किसान से कहा, ‘तुम खूब सारे पंख इकट्ठा कर लो, और उन्हें शहर के बीचो-बीच जाकर रख दो।’ किसान ने ऐसा ही किया और फिर संत के पास पहुंच गया। तब संत ने कहा, ‘अब जाओ और उन पंखों को इकट्ठा कर के वापस ले आओ।’ किसान वापस गया पर तब तक सारे पंख हवा से इधर-उधर उड़ चुके थे। किसान खाली हाथ संत के पास पहुंचा। तब संत ने उससे कहा कि ठीक ऐसा ही तुम्हारे द्वारा कहे गए शब्दों के साथ होता है। तुम आसानी से इन्हें अपने मुख से निकाल तो सकते हो पर चाह कर भी वापस नहीं ले सकते। प्रस्तुति : अक्षिता तिवारी

Advertisement

Advertisement