PGI में "ऑन अराइवल दर्द प्रबंधन" वर्कशॉप: ट्रॉमा केयर में नई दिशा
विशेषज्ञों के व्याख्यान और व्यावहारिक सत्रों के साथ दर्द राहत की आधुनिक तकनीकों पर केंद्रित एक दिवसीय वर्कशॉप
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़ , 17 नवंबर
चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर के ट्रॉमा एनेस्थीसिया ग्रुप ने द सोसाइटी ऑफ ट्रॉमा एनेस्थीसिया एंड क्रिटिकल केयर (STACC) के तत्वावधान में पहली बार "ऑन अराइवल टू ट्रॉमा बे नर्व एंड प्लेक्सस ब्लॉक" वर्कशॉप का आयोजन किया। लेक्चर थिएटर 1 में आयोजित इस एक दिवसीय वर्कशॉप का उद्देश्य अस्पताल में आने वाले ट्रॉमा मरीजों के दर्द प्रबंधन को उन्नत करना था। कार्यक्रम में अल्ट्रासाउंड-निर्देशित नर्व ब्लॉक्स के उपयोग पर केंद्रित व्यावहारिक सत्र और लाइव डेमोंस्ट्रेशन शामिल थे।
प्रो. काजल जैन, आयोजक अध्यक्ष, ने कहा, "हमारा लक्ष्य हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स को आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करना है ताकि वे आपातकालीन स्थिति में आने वाले मरीजों को तुरंत और प्रभावी दर्द राहत दे सकें। इस पहल से ट्रॉमा केयर में एक नई क्रांति की शुरुआत हो रही है।"
कार्यक्रम में देश-विदेश के जाने-माने विशेषज्ञों ने भाग लिया। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के डॉ. अरुण नागदेव ने टेलीमेडिसिन के माध्यम से "ट्रॉमा बे में दर्द प्रबंधन की तकनीक और सेटअप" पर व्याख्यान दिया। डॉ. वीमी रेवरी (AIIMS) ने "आपातकालीन रीजनल ब्लॉक्स और पॉलीट्रॉमा मरीजों की चुनौतियां और समाधान" पर अपने विचार साझा किए।
कार्यशाला की प्रमुख बातें:
प्रतिभागियों ने व्यावहारिक सत्रों में लाइव डेमोंस्ट्रेशन में हिस्सा लिया।
डॉ. शिवा शनमुगम (MGMCRI, पुडुचेरी) ने ऊपरी अंग की चोटों में एनाल्जेसिया बढ़ाने के लिए पेरिन्यूरल कैथेटर और पसलियों की चोट के लिए अल्ट्रासाउंड-निर्देशित एपिड्यूरल कैथेटर लगाने का प्रदर्शन किया।