हॉट के बजाय अब संजीदा अदाकारी
असीम चक्रवर्ती
अभिनेत्री अदा शर्मा ने फिल्म ‘बस्तर’ के जरिये फिर दस्तक दी है। इस फिल्म में भी उनका लुक बिल्कुल जुदा है। असल में बहुमुखी प्रतिभा की धनी अदा ने ‘केरला स्टोरी’ से अपना एक्टिंग ट्रेक काफी बदला है। ताजा हुई एक मुलाकात में उन्होंने साफ कहा कि अब वे सब्जेक्ट बेस्ड फिल्मों को पहली प्राथमिकता दे रही हैं।
विवादित सब्जेक्ट वाली फिल्म में मिला मौका
अभिनेत्री अदा शर्मा बेहिचक कबूल करती हैं कि लगभग 14 साल बाद बॉलीवुड में कुछ कर दिखाने का एक बड़ा मौका उन्हें मिला है। वह इसे एक दिलचस्प संयोग मानती हैं कि एक विवादित सब्जेक्ट पर बनी फिल्म के जरिये उन्हें यह मौका मिला है। वरना इससे पहले ज्यादातर फिल्मों में उनकी बोल्ड इमेज उनके किरदार पर हावी रहती थी। मगर ‘द केरला स्टोरी’ में उनकी सहज भाव अभिव्यक्ति ने सबको चौंका दिया। अब अदा इस मौके को यूं ही खाली नहीं जाने देना चाहती हैं। वैसे भी अदा कुछ-न-कुछ हमेशा करती रहती थीं। लेकिन पहली बार उन्होंने संजीदा ढंग से अपने कैरियर की प्लानिंग करनी शुरू कर दी है।
बस्तर का रिस्पॉन्स
यह उनके इसी आत्मविश्वास का परिणाम है कि पिछले दिनों रिलीज ‘बस्तर’ में भी उनकी परफॉरमेंस की सराहना हुई है। अब यह दीगर बात है कि इसे एक औसत हिट फिल्म कहा जा रहा है। फिलहाल तो अदा इस बात को लेकर खुश है कि किसी ने भी इसे बुरी फिल्म नहीं कहा है। उनके मुताबिक, वह अपने टार्गेट ऑडियंस को भरपूर अपील करती हैं। पर ‘द केरला स्टोरी’ के साथ ‘बस्तर’ की तुलना करना उन्हें पसंद नहीं।
कितनी बदली है फिल्मी पृष्ठभूमि
वह मानती हैं कि इन दोनों फिल्मों के बाद बॉलीवुड में उनकी स्थिति काफी बदली है। वह कहती हैं,‘ मैं बहुत कुछ नया कर रही हूं। अपनी अगली फिल्म में भी एक महिला सुपर हीरो का रोल कर रही हूं। एक वेब सिरीज भी है। सब्जेक्ट बेस्ड फिल्मों के लीड रोल के लिए मेरे नाम पर विचार किया जा रहा है। लगभग 13 साल बाद मैं बॉलीवुड के हॉट जादू से मुक्त हुई हूं।
सफलता का श्रेय
निश्चित तौर पर ‘द केरल स्टोरी’, ‘बस्तर’ जैसी फिल्मों ने इस मामले में उनकी काफी मदद की है। उनके मुताबिक इन फिल्मों में अपनी बोल्ड इमेज के विपरीत उन्होंने अपनी सहज भाव अभिव्यक्ति से सबको अपने बारे में कुछ नया सोचने के लिए बाध्य कर दिया है। इस तरह इन फिल्मों ने उनके बारे में स्थापित सारी धारणा को बदल दिया।
बॉलीवुड की बेरुखी से मुक्ति
अदा के मुताबिक, वह कई वर्षों तक बॉलीवुड की बेरुखी और अंदरुनी राजनीति की शिकार रही हैं। वह कहती हैं,‘ इसकी एक बड़ी वजह यह है कि 2008 में जब मेरी पहली फिल्म ‘1920’ रिलीज हुई थी, मैं मात्र 19 साल की थी। इसलिए तब मैं जरा भी समझ नहीं पाई थी कि मुझे कैसी फिल्में करनी चाहिए। वैसे भी हॉरर फिल्म में हीरोइन के लिए कम गुंजाइश रहती है। यही वजह थी कि इसके बाद की फिल्मों ‘हम हैं राही कार के’, ‘हंसी तो फंसी’ में भी मुझे कुछ खास नोटिस नहीं किया गया। मगर 2013 की तेलुगु की हिट फिल्म ‘हार्ट अटैक’ ने मुझे काफी मेच्योर बना दिया। उसके बाद मैंने तय कर लिया था कि मैं आगे भी ऐसी फिल्में ही करूंगी।’
साउथ की फिल्मों का साथ
वह साफ तौर पर कबूल करती हैं कि उनकी सफलता में साउथ की फिल्मों का बड़ा योगदान रहा है। वह बताती हैं, ‘इसमें कुछ गलत भी नहीं है। वैसे भी जहां आपको ज्यादा मौके मिलते हैं,वहां आपका ध्यान ज्यादा होता है। वहां तेलुगु की मैंने पांच फिल्मों में काम किया है ,वे सबकी सब बड़ी हिट थी। वहां के कई बड़े हीरो और डायरेक्टर के साथ मैंने काम किया है। मैं इसे बड़ा अनुभव मानती हूं।’
जिम्नास्टिंग, नृत्य... एक्शन
अच्छी जिमनास्ट होने की वजह से नृत्य और एक्शन के मामले में वह काफी निपुण हैं। वह बताती हैं,‘ मैंने कथक में बैचलर की डिग्री हासिल की है। यही नहीं, अमेरिका जाकर जैज डांस का चार महीने का कोर्स भी किया है।’ उनका एक और विशेष गुण है,वह कई पक्षियों की आवाज बहुत अच्छी तरह से निकाल लेती हैं।