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105 विश्वविद्यालयों में अब 4 साल में ग्रेजुएशन

11:36 AM Jun 15, 2023 IST

नयी दिल्ली, 14 जून (एजेंसी)

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देश के 19 केंद्रीय विश्वविद्यालयों समेत 105 विश्वविद्यालय आगामी शैक्षणिक सत्र से चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बुधवार को यह जानकारी दी। इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, विश्व भारती विश्वविद्यालय, जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय, असम विश्वविद्यालय, तेजपुर विश्वविद्यालय, सिक्किम विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय शामिल हैं। इस सूची में श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विश्वविद्यालय, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, राजीव गांधी विश्वविद्यालय तथा हरियाणा, दक्षिण बिहार और तमिलनाडु स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय शामिल हैं। इसके अलावा, 40 डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय, 18 निजी विश्वविद्यालय और 22 राज्य विश्वविद्यालयों ने चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को चुना है।

नयी शिक्षा नीति का अनुसरण

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में सिफारिश की गई है कि स्नातक पाठ्यक्रम तीन या चार वर्षों की अवधि का हो, जिसमें उपयुक्त प्रमाणपत्र प्रदान करने के साथ बहु प्रवेश एवं निकासी का विकल्प हो। स्नातक डिप्लोमा दो वर्षों के अध्ययन के बाद और स्नातक डिग्री तीन वर्ष के कार्यक्रम के बाद देने की व्यवस्था हो। चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम (एफवाईयूपी) में छात्रों के पास मल्टीपल एंट्री और एग्जिट का विकल्प होगा। अगर वे किसी कारणवश तीन साल से पहले कॉलेज छोड़ देते हैं तो उन्हें फिर से अपनी पढ़ाई पूरी करने एवं डिग्री पूरी करने की इजाजत देने की व्यवस्था है। यूजीसी ने विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली को भी शामिल किया है।

पाठ्यक्रमों में जोड़ें भारतीय ज्ञान परंपरा : यूजीसी

यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों एवं उच्च शिक्षण संस्थानों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सभी स्तरों पर पाठ्यक्रमों में भारतीय ज्ञान परंपरा को जोड़ने के दिशानिर्देशों को अक्षरश: लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है। यूजीसी के सचिव मनीष आर जोशी ने 13 जून को सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, सभी राज्यों के मुख्य सचिवों/उच्च शिक्षा सचिवों, सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों और कालेजों के प्राचार्यों को इस संबंध में पत्र लिखा है।

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